राष्ट्रीय ध्वज के बनने की कहानी


By Gaurav Kumar17, Nov 2022 01:15 PMjagranjosh.com

भारत के राष्ट्रीय ध्वज में 'अशोक चक्र' को स्थान दिया गया है।

‘अशोक चक्र’ को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है।

मानव शरीर में 24 हड्डियों होती हैं इसलिए चक्र में भी 24 तीलियां रखी गई हैं।

गांधी जी ने चरखे के साथ राष्ट्रीय ध्वज का प्रस्ताव रखा था।

1931 की बैठक में ध्वज कुछ परिवर्तनों से गुजरा और यह कांग्रेस का आधिकारिक झंडा बन गया था।

एक सिफारिश समिती के तहत कांग्रेस के झंडे को ही उपयुक्त संशोधनों के साथ राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था।

22 जुलाई 1947 के दिन संविधान सभा में तिरंगे का फाइनल रूप चरखे को हटाकर अशोक चक्र को बीच में रखकर किया गया था।

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