भारत के 7 अनोखे स्कूल जहां शिक्षा का महत्व है कई ज्यादा


By Priyanka Pal12, Nov 2024 12:35 PMjagranjosh.com

आज जानिए भारत के कुछ अनोखे स्कूलों के बारे में जहां शिक्षा सिर्फ किताबों वाली नहीं बल्कि उसके परे की दी जाती है। यहां बच्चे भारी बस्तों में नहीं बल्कि सीखने की उत्साह में खुश नजर आते हैं। ऐसे स्कूल जहां बच्चों के लिए स्कूल बोरिंग नहीं खुशियों का खजाना है।

लोकटक लेक स्कूल

मणिपुर का लोकटक लेक स्कूल पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील में तैरता हुआ स्कूल है। इसकी स्थापना हाई स्कूल छोड़ चुके बच्चों और मछुआरों के बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी, जो अपने बच्चों को गांव से दूर किसी अन्य स्कूल में नहीं भेज सकते थे।

चिराग स्कूल

उतराखंड के इस स्कूल में बच्चों और वयस्कों को दूसरों के प्रति सहानुभूति और सम्मान रखते हुए निडर और जिज्ञासु बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

द प्लेटफॉर्म स्कूल

पटना के पास प्लेटफार्म स्कूल की शुरुआत इंद्रजीत खुराना ने गरीब अनाथ बच्चों को शिक्षित करने के लिए की थी जो रेलवे प्लेटफॉर्म पर चाय बेचते थे।

द येलो ट्रेन स्कूल

यहां के शिक्षक आपसे दोस्तों की तरह बात करते हैं, आपको जैविक खेतों में सैर पर ले जाते हैं और आपको मिट्टी के बर्तन बनाना सिखाते हैं। यह स्कूल एक कभी न खत्म होने वाली छुट्टी की तरह लगता है।

महाराष्ट्र का स्मार्ट स्कूल

महाराष्ट्र के पश्तोपाड़ा का यह स्कूल राज्य के 500 से अधिक स्कूलों के लिए एक आदर्श बन गया है।

लेवलफील्ड स्कूल

पश्चिम बंगाल का यह स्कूल चर्चा करते हैं और सीखते हैं। चाहे वह अंग्रेजी हो, गणित हो या कोई और विषय, सीखने के लिए, पहेलियां ऐप और गेम का उपयोग आदि के बारे में सीखते हैं।

वीणा वादिनी विद्यालय

मध्य प्रदेश का यह स्कूल वाकई अपनी तरह का अनूठा है, यहां बच्चे अपने दोनों हाथों से लिखना जानते हैं।

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