By Priyanka Pal29, Apr 2024 09:30 AMjagranjosh.com
अगर आप दुनिया की भीड़ से अलग निकलना चाहते हैं और अपना नाम कमाना चाहते हैं। ये 5 श्लोक आपको नया रास्ता दिखाएंगे
मेहनत
जीवन में आगे निकलने के लिए कड़ी मेहनत करना बहुत जरूरी है। इससे आप दुनिया की कोई भी जंग और कोई भी मुकाम आसानी से पा सकते हैं।
काक चेष्टा, वको ध्यानं
काक चेष्टा, वको ध्यानं। श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंचलक्षणम्। यानी कौआ की तरह चतुर, बगुला की तरह ध्यान करने वाले, स्वान की तरह कम निंद्रा , तथा कम खाने वाला, ग्रह का त्याग करने बाले ही विद्यार्थी के पांच लक्षण हैं।
आलस्यां ही मनुष्याणां
आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति। यानी व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है। व्यक्ति का परिश्रम ही उसका सच्चा मित्र होता है।
इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः
इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः परं मनः। मनसस्तु परा बुद्धिर्यो बुद्धेः परतस्तु सः॥ यानी मन से परे बुद्धि है और जो बुद्धि से भी परे है वह है आत्मा
यस्य कृत्यं न जानन्ति
यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे। कृतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते ॥ इस श्लोक का अर्थ है कि कार्य पूरा हो जाने के बाद ही जान पाते हैं, वही व्यक्ति ज्ञानी कहलाता है।
उद्यमेन हि सिध्यन्ति
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः! न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ! यनी कुछ भी हासिल करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, सिर्फ़ सोचने से कुछ नहीं होता। जैसे सोते हुए शेर के मुंह में भी हिरन अपने आप नहीं आ जाता।
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