By Mahima Sharan17, Jan 2024 01:15 PMjagranjosh.com
अयोध्या राम मंदिर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, यह एक ऐतिहासिक मौका है, जिसका देश के करोड़ों लोग कई दशकों से इंतजार कर रहे थे। विश्व हिंदू परिषद ने 1989 में राम मंदिर आंदोलन शुरू किया। इसके बाद राम मंदिर देश की राजनीति का हिस्सा बन गया।
राम मंदिर के पक्ष में फैसला
6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद राम मंदिर का मामला कोर्ट तक पहुंच गया। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सूर्यवंशी राजा राम की नगरी अयोध्या में जगह-जगह सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं।
जटायु प्रतिमा
मंदिर परिसर में कांस्य से बनी एक विशाल जटायु प्रतिमा भी स्थापित की गई है। मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट रोशनी से जगमगाने लगा है। सबसे पहले यहां से दिल्ली और अहमदाबाद के लिए उड़ान सेवा शुरू करने की तैयारी है।
अयोध्या रेलवे स्टेशन
हाईटेक अयोध्या रेलवे स्टेशन देखते ही बन रहा है। रामलला के अभिषेक के बाद देशभर से श्रद्धालुओं का आगमन बढ़ेगा, इसलिए जगह-जगह मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई जा रही है। यहां इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की भी सुविधा होगी।
थाईलैंड से आई मिट्टी
थाईलैंड के राजा ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए वहां से मिट्टी भेजी है। कंबोडिया से सुगंधित हल्दी आई है। इसके अलावा जोधपुर से 600 किलो गाय का घी और जनकपुर से मिथिला आर्ट पेंटिंग भेजी गई है।
देशभर से आएंगे मेहमान
22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस भव्य समारोह में देशभर से 7000 से ज्यादा खास मेहमान शामिल होंगे। अयोध्या राम मंदिर के निर्माण पर करीब 900 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
राजस्थान के पत्थरों से बनी मूर्ति
रामलला की मूर्ति कर्नाटक और राजस्थान के पत्थरों से बनी है। दरवाजे और खिड़कियों के लिए लकड़ी बल्लाल शाह, महाराष्ट्र से लाई गई है। दरवाज़ों और खिड़कियों पर नक्काशी हैदराबाद के कारीगरों द्वारा की गई थी।
पवित्र नदियों से होगा अभिषेक
देशभर की पवित्र नदियों और कुओं से लाए गए जल से रामलला का अभिषेक किया जाएगा। साल 2025 में भव्य राम मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। मंदिर परिसर में 44 फीट लंबा और 500 किलो का ध्वज स्तंभ भी लगाया जाएगा।