भारतीय उद्योग के जनक किसे कहा जाता है? उनसे जुड़े तथ्यों को जानिए
By Priyanka Pal16, Oct 2024 11:51 AMjagranjosh.com
सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक के रूप में, रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक व्यापार महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज इस वेब स्टोरी में जानिए टाटा परिवार से जुड़े तथ्यो के बारे में।
नुसरवानजी टाटा
टाटा परिवार के मुखिया नुसरवानजी टाटा थे। जिनके पांच बच्चे थे जमशेदजी टाटा, रतनबाई टाटा, मानेकबाई टाटा, वीरबाई टाटा और जेरबाई टाटा।
जमशेदजी टाटा
भारतीय उद्योग के जनक जमशेदजी टाटा को कहा जाता है। उन्होंने बिजनेस की शुरुआत 1870 में एक कपड़ा मिल से की, जिसके बाद बिजली उद्योगों और तकनीकी शिक्षा संस्थानों की स्थापना कर देश को प्रगति की राह पर ले गए।
जमशेदजी टाटा के बच्चे
जमशेदजी का विवाह हीराबाई डब्बू से हुआ और उनके तीन बच्चे थे, सर दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और सर रतन टाटा।
दोराबजी टाटा
जमशेदजी के सबसे बड़े बेटे ने टाटा समूह के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने अपना अधिकांश जीवन परिवार की व्यावसायिक विरासत को आगे बढ़ाने में लगाया।
सर रतन टाटा
सर रतन टाटा का जन्म 1871 में हुआ था, उन्होंने भी परिवार के बिजनेस को आगे बढ़ाने में काफी हेल्प की। उनकी शादी नवाजबाई सेट्ट से हुई थी, लेकिन दंपति की कोई संतान नहीं थी। सर रतन टाटा की मृत्यु के बाद, नवाजबाई ने नवल टाटा को गोद लिया।
नवल एच. टाटा
1904 में नवल एच. टाटा का जन्म हुआ था, रतन टाटा की उम्र जब मात्र 10 साल थी, तब नवल और सूनू का तलाक हो गया। बाद में नवल ने सिमोन डुनोयर से शादी की और उनका एक बेटा नोएल टाटा था।
रतन टाटा
1937 में रतन टाटा का जन्म हुआ था, उन्होंने जगुआर लैंड रोवर जैसी कई कंपनियों की वैश्विक पहुंच का काम किया। उन्होंने टाटा ट्रस्ट के माध्यम से देश के लिए बहुत से प्रगति के मार्ग खोले हैं।
नोएल टाटा
रतन और जिमी के सौतेले भाई नोएल टाटा वर्तमान में टाटा समूह में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वे टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और टाटा इंटरनेशनल के निदेशक हैं।
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