जलियांवाला बाग हत्याकांड : जब एक आदेश ने ली हजारों बेकसूरों की जान


By Priyanka Pal13, Apr 2023 12:57 PMjagranjosh.com

भारतीय इतिहास में 13 अप्रैल -

भारत में 13 अप्रैल का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज है 1919 में इस दिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास जलियवाले बाग में खून की होली खेली गई थी।

104 साल पहले की घटना -

13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में दो राष्ट्रवादी नेताओं सत्य पाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे।

ब्रिटिश सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार -

कर्नल रेजिनाल्ड डायर की ओर से चलवाई गईं अंधाधुंध गोलियों में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित 388 लोग मारे गए थे, जबकि 1,200 लोग घायल हुए थे।

उधम ने लिया था अंग्रजों से बदला -

इस घटना के 21 साल बाद 13 मार्च को उधम सिंह ने बदला ले लिया था, उधम सिंह ने एक भरे हॉल में जनरल डायर को गोली मार दी थी।

जलियांवाला बाग की दीवारें -

आज भी इस हत्याकांड के निशान जलियांवाला बाग की दीवारों पर देखे जा सकते हैं।

असहयोग अंदोलन -

महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपना असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया था, इस घटना की वजह से साइमन कमीशन का भी गठन हुआ था।

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