कौन थे कर्पूरी ठाकुर? जिन्हें दिया जाएगा भारत रत्न
By Priyanka Pal17, Feb 2024 04:34 PMjagranjosh.com
कर्पूरी ठाकुर
भारतीय राजनीति में कर्पूरी ठाकुर का अनोखा नाम रहा है। वे आज भी लोगों के लिए मिसाल है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को उनके महत्वपूर्ण कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने की घोषणा की है।
जन्म
बिहार के समस्तीपुर जिले में एक गांव पितौंझिया को जिसे अब कर्पूरी ग्राम कहा जाता है। इसी गांव के एक नाई परिवार में 24 जनवरी 1924 को कर्पूरी ठाकुर का जन्म हुआ था।
क्रांग्रेस
जब वे बड़े हुए तो राजनीति में आ गए और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जो आजीवन खुला रहा। वे क्रांग्रेस की नीतियों के विरोध में थे।
कार्यकाल
साल 1952 में कर्पूरी ठाकुर ने पहली बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीता था। वे तभी 28 साल की उम्र में विधायक बने। बिहार की सत्ता उन्होंने 1970 से 1979 के बीच दो बार मुख्यमंत्री के रूप में संभाली।
सत्ता में रहे नहीं किया लालच
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता रहने के बावजूद उन्होंने सत्ता में सही पहुंच कर रहने के बाद भी उन्होंने किसी भी जमीन और गाड़ी को नहीं खरीदा।
परिवारवाद विरोधी
वे समाज के पिछड़ों के विकास के लिए जितने जागरूक थे। राजनीति में परिवारवाद के उतने ही विरोधी रहे। जब तक वे राजनीति में रहे तब तक उनके घर का सदस्य कोई भी राजनीति में नहीं आया।
समस्या
वे लोगों की समस्याएं सुनते और अफसरों को फिर आदेश दिया करते थे। वे नियम और कानून के पक्के थे। उन्होंने 35 साल पहले दुनिया को अलविदा कह दिया था।
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