चोल वंश क्यों बना सबसे लम्बे समय तक राज करने वाला साम्राज्य ?


By Gaurav Kumar07, Oct 2022 11:47 AMjagranjosh.com

चोल वंश में सत्ता का एकीकरण था परन्तु फिर भी बेहतर संचालन के लिए साम्राज्य को छोटे-छोटे प्रांतों में बांटा हुआ था.

चोल वंश के सम्राट कला,साहित्य,नाटक और कविताओं के ख़ास शौकीन थे. जिसके उदाहरण उनके समय में बनवाए गये &मन्दिरों और कलाकृतियों से मिलता है.

इन सम्राटों के द्वारा बनवाए गये मन्दिरों की मूलभूत संरचना एक जैसी थी लेकिन फिर भी यह पल्लव और चालुक्य वंश की कलाकृतियों से प्रभावित थे.Fill in some text

चोल वंश में सिक्के सामान्य मुद्रा के तौर पर ही इस्तेमाल किये जाते थे . यह सिक्का सोने,चांदी और तांबे के बने होते हैं.

अपनी सैन्य शक्ति के बल पर इस वंश ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया . इनकी सेना के चार तत्व थे जिनमें घुड़सवार, हाथीवाहिनी,नौसेना और पैदल सेना शामिल थे .

पल्लव वंश को हराकर इस साम्राज्य की नींव विजयालय ने रखी थी. आगे चलकर साम्राज्य के विस्तार में आदित्य प्रथम और उनके उत्तराधिकारियों ने विशेष भूमिका निभाई.अपनी सैन्य शक्ति के बल पर इस वंश ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया . इनकी सेना के चार तत्व थे जिनमें घुड़सवार, हाथीवाहिनी,नौसेना और पैदल सेना शामिल थे .

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