By Mahima Sharan22, Sep 2024 10:45 AMjagranjosh.com
महिला सुरक्षा को लेकर कानून
भारत में हर मिनट एक महिला अपराध का शिकार होती है। चाहे वे घर पर हों, सार्वजनिक स्थान पर हों या काम पर, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं को उन कानूनों के बारे में पता होना चाहिए जो उनके खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।
पीछा किए जाने के खिलाफ अधिकार
आईपीसी की धारा 354 डी के तहत ऐसे अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है जो किसी महिला का पीछा करता है।
कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार
कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत एक महिला को अपने कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट करने का अधिकार है।
घरेलू हिंसा के विरुद्ध अधिकार
एक महिला जो पत्नी, महिला लिव-इन पार्टनर है, या एक महिला जो किसी पुरुष के साथ घर में रहती है, जैसे कि मां या बहन, भारतीय संविधान की धारा 498 के तहत पति, पुरुष लिव-इन पार्टनर या परिवार के सदस्यों द्वारा की गई घरेलू हिंसा से सुरक्षित है।
दहेज के विरुद्ध अधिकार
दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार, विवाह के दौरान, उससे पहले या बाद में दुल्हन, दूल्हे या उनके माता-पिता द्वारा दहेज नहीं दिया जा सकता या स्वीकार नहीं किया जा सकता।
निःशुल्क कानूनी सहायता का अधिकार
यदि आप एक महिला हैं जिसे नुकसान पहुंचाया गया है, तो आपको कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत अधिकृत कानूनी सेवा प्राधिकरण से निःशुल्क कानूनी सेवाएं मांगने का अधिकार है।
हर महिला को इन कानूनों के बारे में पता होना चाहिए। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
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