महाराणा प्रताप से लें लीडरशिप की 7 सीख


By Priyanka Pal19, Jan 2024 02:44 PMjagranjosh.com

महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप का प्रतिष्ठित नाम बार-बार सुना जाता है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने एक युवा वयस्क के रूप में मेवाड़ क्षेत्र में भील आदिवासियों और मीनाओं के साथ काम करने और सहयोग करने में वर्षों बिताए। मेवाड़ के इस राजा से सीखिए लीडरशिप की 7 क्वालिटी।

आत्मनिर्भरता

मेवाड़ के महाराणा प्रताप शक्तिशाली अकेले खुद को नहीं बल्कि अपनी सेना के साथ रहकर खुद को मानते थे। उन्होंने अपनी सेना, अपनी प्रजा के लिए सदैव भलाई का कार्य किया। मानव जाति का सम्मान उनके लिए महत्वपूर्ण था।

चुनौतियों का सामना

महाराणा प्रताप कि कहानियों और उनके साहस की कविताओं से पता चलता है कि वे जीवन से भी बड़े मुद्दों का सामना करने और उन्हें हल करने का साहस रखते थे।

सम्मान

लीडर बनने के लिए महाराणा मानते थे कि अपने से कमजोर लोगों का सम्मान करें, इसमें पराजित शत्रु भी शामिल है।

दूसरों के बारे में सोचना

महाराणा प्रताप अपने बारे में बाद में पहले अपनी सेना और प्रजा की बात को सबसे ऊपर रखते थे।

साहस

महाराणा प्रताप अपने साहस और निडरता के लिए जाने जाते थे। वह शक्तिशाली मुगल साम्राज्य के खिलाफ खड़े हुए और अपने राज्य की स्वतंत्रता के लिए लड़े।

संकल्प

महाराणा प्रताप ने स्वतंत्र और स्वतंत्र मेवाड़ के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा। कई असफलताओं और हार का सामना करने के बावजूद, वह अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहे।

सोच

वह हमेशा कई कदम आगे की सोचते थे और समस्याओं का नवीन समाधान लेकर आते थे। नेता उनकी रणनीतिक सोच और समस्या-समाधान कौशल से सीख सकते हैं।

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