वेदांत धर्म का प्रचार पूरे विश्व में करनेवाले स्वामी विवेकानंद के विचार हमारे जीवन में आज भी मूल्यवान &हैं।


By Gaurav Kumar23, Nov 2022 12:23 PMjagranjosh.com

शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।

विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मज़बूत बनाने के लिए आते हैं।

उठो जागो और तब-तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।

खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है।

तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता आध्यात्मिक नहीं बना सकता तुमको सब कुछ खुद अंदर से सिखना होगा।

बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं, वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।

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