By Priyanka Pal08, Nov 2024 05:37 PMjagranjosh.com
भारत में प्राचीन काल से ही नदियों को मां के समान माना जाता है। जिसकी वजह से सभ्यताएं पनपती हैं और कहानियां बनती हैं।
गंगा
उत्तराखंड राज्य में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से 3,900 मीटर की उंचाई से निकलने वाली गंगा देश में अपना पौराणिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व रखती है। इसकी लंबाई करीब 2525 किलोमीटर है। यह नदी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है।
गोदावरी
हिंदू पौराणिक कथाओं की पवित्र सात नदियों में इसका उल्लेख मिलता है। इसे दक्षिण की गंगा के नाम से भी जाना जाता है। गंगा के बाद यह देश की दूसरी सबसे लंबी 1,465 किलोमीटर नदी है।
यमुना
गंगा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी यमुना उत्तराखंड के यमुनोत्री से निकलती है और 1376 किमी की यात्रा करके उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जाकर गंगा में मिल जाती है। भारत की सबसे पवित्र और प्राचीन नदियों में यमुना का नाम गंगा के साथ लिया जाता है।
कृष्णा नदी
भारत की सबसे लंबी नदियों में से एक कृष्णा नदी सह्याद्रि में महाबलेश्वर के निकट से निकलती है और आंध्र प्रदेश के हमसलादेवी में बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। परंपरागत रूप से कृष्णा नदी को गाय की मूर्ति के मुख से उत्पन्न माना जाता है।
ब्रह्मपुत्र
ब्रह्मपुत्र को विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। अरुणाचल प्रदेश में इस नदी को सियांग, दिहांग, डिहं, असम में ब्रह्मपुत्र, बांग्लादेश में जमुना और चीन में या-लू-त्सांग-पू चियांग और यरलुंग जैगंबो जियांग के नाम से जाना जाता है।
सिंधु
कहा जाता है भारत को हिंदुस्तान नाम इसी नदीं से मिला है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता का पालन-पोषण करने वाली सिंधु नदी के तट पर कई वेद और पुराणों की रचना हुई हैं।
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