विद्यार्थियों को झेलने पड़ते हैं ये 6 मेंटल हेल्थ चैलेंज


By Mahima Sharan09, Apr 2024 01:48 PMjagranjosh.com

छात्रों में स्ट्रेस

चिंता बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर बेहद ही नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। मूड संबंधी गड़बड़ी कई छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों पर नकारात्मक असर डालती है।

मेंटल हेल्थ चैलेंज

स्ट्रेस बच्चों को कई तरह से प्रभावित करते हैं। यह आम चुनौतियों में बच्चों के मन में आत्महत्या और आत्मघाती विचार भी आते हैं। आइए जानते हैं बच्चे किन मेंटल चैलेंज से जुझते हैं।

डिप्रेशन

डिप्रेशन एक मनोदशा विकार है जिसमें लगातार उदासी, निराशा और पहले से आनंददायक गतिविधियों में रुचि की कमी की भावना शामिल होती है। डिप्रेशन से गुज़र रहे लोगों को मूड में बदलाव, नींद में समस्या, भूख में बदलाव जैसी आदतें शामिल है।

चिंता

अधिकांश छात्र समय-समय पर चिंता का अनुभव करते हैं। हालांकि, चिंता, तनाव और घबराहट की बढ़ती या चल रही भावनाएं दैनिक जीवन में हस्तक्षेप कर सकती हैं।

आत्मघाती विचार

आमतौर पर तनाव से ग्रस्त बच्चों के मन में कई तरह के आत्मघाती विचार आते हैं। इस दौरान बच्चे अपने आप को चोट पहुंचाते हैं साथ ही उनके मन में कई बार सुसाइड जैसे विचार आते हैं।

इटिंग डिसऑर्डर

मेंटल हेल्थ चैलेंज से जूझ रहे छात्रों में इंडिगो डिसऑर्डर जैसी समस्या पाई जाती है। इन आदतों में भूख न लगना या हद से ज्यादा भूख लगना शामिल है।

पदार्थ का दुरुपयोग

टेंशन में रहने वाले छात्र कई बार शराब और दवाओं के चपेट में आ जाते हैं। यह उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक है। इससे बच्चों के एकेडमिक परफॉर्मेंस पर भी गलत प्रभाव पड़ता है।

यह मेंटल चैलेंज बच्चों को कई तरह की परेशानियों का शिकार बनाता है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ 

Hidden Psychology Of First impression Is The Last Impression