मीराबाई के 5 दोहे जहां छलकता है श्रीकृष्ण के लिए उनका प्रेम


By Priyanka Pal26, Aug 2024 11:37 AMjagranjosh.com

मीराबाई

मीराबाई ने अपना सारा जीवन भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लगाया। अपने गुरु संत रविदास के साथ रहते हुए मीराबाई का मन सांसारिक मोह को त्याग कर कृष्ण प्रेम और उनकी भक्ति में लीन रहा।

मीराबाई के 5 दोहे

इन दोहों में मीराबाई का श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति झलकती है, जो उनकी रचनाओं का मुख्य सार है।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

मीराबाई का यह दोहा भगवान श्रीकृष्ण को अपने जीवन का धन मानने की भावना को दर्शाता है।

माई री, मैं तो लियो गोविंद मोल

इस दोहे में मीराबाई श्रीकृष्ण के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम का उल्लेख करती हैं, जैसे उन्होंने गोविंद को पूरी तरीके से अपना लिया हो।

मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई

मीराबाई यहां कहती हैं कि उनके लिए गिरधर, श्रीकृष्ण ही सब कुछ हैं, और उनके सिवा और कोई नहीं है।

जो मेरे राम, गिरधर नागर

मीराबाई के लिए श्रीकृष्ण ही उनके राम हैं और वे उनके प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

श्याम मने चाकर राखो जी

श्रीकृष्ण से प्रार्थना करती हैं कि वे उन्हें अपना चाकर यानी सेवक बना लें, जिससे वे हमेशा उनके सेवा में रहें।

ऐसी ही जनरल नॉलेज, सरकारी नौकरियों, करियर टिप्स, मोटिवेशनल कोट्स और एजुकेशन से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh.com के साथ।

Happy Janmashtami 2024: Top 7 Wishes To Celebrate