By Mahima Sharan21, Jan 2024 09:53 AMjagranjosh.com
सफल बच्चे
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर जीवन में सफलता हासिल करें। जिसकी शुरुआत बचपन से ही हो जाती है। जिसके कारण अक्सर माताएं हर समय अपने बच्चों के पीछे भागती रहती हैं।
रोजमर्रा की समस्या
कभी होमवर्क पूरा करवाने के लिए तो कभी सीखने के लिए। जो न सिर्फ माता-पिता के लिए रोजमर्रा की समस्या बन जाती है, बल्कि बच्चे भी अक्सर इस दबाव के कारण पढ़ाई से नफरत करने लगते हैं।
कोई अध्ययन दिनचर्या नहीं
जब भी मेरा मन हुआ, मैंने अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए बैठाया।' इससे बच्चे पढ़ाई से भागने लगते हैं। उन्हें लगता है कि उन्होंने अभी-अभी खेलना या टीवी देखना शुरू किया है। और माम को ऐसे समय में ही पढ़ाई याद आती है।
रोजाना एक समय
ऐसे में जरूरी है कि आज ही अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए रोजाना एक समय निर्धारित करें। इससे आपका बच्चा भी समझ जाएगा कि उसे रोजाना शाम 7 बजे पढ़ाई करनी है। इससे बच्चे स्कूल टाइम टेबल की तरह घर का टाइम टेबल भी समझ सकेंगे।
हर समय सिर के बल खड़े रहना
आप अपने बच्चे की शिक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसलिए जब भी वह पढ़ने बैठें तो सिर के बल खड़े होने की गलती न करें। नहीं तो दबाव के कारण बच्चा खुद से काम करने की कोशिश नहीं करता। पढ़ाई के दौरान उसे थोड़ी जगह देना सीखें।
पढ़ाते समय डांटने की आदत
वह जब भी पढ़ाने बैठते हैं तो उनके चेहरे पर गुस्सा साफ झलकने लगता है। इससे निश्चित ही बच्चे का मन पढ़ाई से हट जाएगा। ऐसे में आपको उसे प्यार से सिखाना चाहिए। अगर आपका मूड ठीक नहीं है तो कुछ देर के लिए पढ़ाई करने से बचें।
मन के हिसाब से पढ़े
जब आपको सहज महसूस हो तो आप उसे पढ़ाने बैठ जाएं। ताकि आप उसे प्यार से बातें समझाएं, तभी आपका बच्चा पढ़ाई के दौरान आपकी हर बात समझने की कोशिश कर पाएगा।
आप पढ़ना नहीं चाहते
आपका मन हर समय खेल में रहता है। क्योंकि तुम पढ़ना नहीं चाहते। जब आपके द्वारा कहे गए ये शब्द बच्चे के मन में बार-बार आते हैं तो उसे पढ़ाई से नफरत होने लगती है।
परेशान न करें
ऐसे में आप अपने डर की वजह से उन्हें परेशान न करें। बल्कि हर दिन कुछ देर साथ बैठकर पढ़ाई करें। इससे बच्चा पढ़ाई भी करेगा और आपकी टेंशन भी दूर हो जाएगी।