पोंगल के 4 दिनों के नाम और महत्व क्या है?


By Priyanka Pal13, Jan 2025 12:38 PMjagranjosh.com

पोंगल दक्षिण भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है, जो मुख्य रूप से तमिलनाडु में मनाया जाता है। यह 4 दिनों तक चलता है और हर दिन का अपना खास नाम और महत्व है।

भोगी पोंगल

पहला दिन भोगी पोंगल के रूप में मनाया जाता है, इस दिन पुराने और बेकार सामानों को हटाकर नई चीजें अपनाने की परंपरा होती है। यह दिन भगवान इंद्र को समर्पित है, जो बारिश के देवता माने जाते हैं।

थाई पोंगल

यह मुख्य दिन है जिसे पोंगल के नाम से ही जाना जाता है। इस दिन लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं, क्योंकि वे फसलों के लिए ऊर्जा और जीवन का स्रोत हैं। इस दिन खास पकवान बनता है, जिसे सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है।

मट्टू पोंगल

तीसरा दिन गायों और बैलों को समर्पित होता है, किसान अपनी गायों और बैलों को सजाते हैं, उनकी पूजा करते हैं। इसी के साथ ग्रामीण खेल जैसे जल्लीकट्टू का आयोजन भी किया जाता है।

कानूम पोंगल

चौथा और अंतिम दिन परिवार और समाज के साथ जुड़ाव का होता है। इस दिन लोग पिकनिक पर जाते हैं, रिश्तेदारों से मिलते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं।

एकजुटता का जश्न

पोंगल त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को भी सम्मानित करता है। लोग भगवान को धन्यवाद देते हैं और एकजुटता का जश्न मनाते हैं।

महत्व

यह त्योहार प्रकृति, सूर्य देवता, फसल, और पारिवारिक रिश्तों का उत्सव है। इसे तमिल नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है।

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