रटने वाली शिक्षा बच्चों का आधार नहीं होनी चाहिए - नारायण मूर्ति


By Priyanka Pal12, Sep 2024 10:59 AMjagranjosh.com

नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति इनफोसिस के सह - संस्थापक हैं, जिन्होंने हाल ही में शिक्षा को लेकर कई तगड़े बयान दिए हैं। उन्होंने माता - पिता से लेकर छात्रों के जीवन को लेकर बहुत कुछ कहा है, आगे जानिए।

कोचिंग क्लास की आलोचना

नारायण मूर्ति ने कोचिंंग क्लासेस की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कोचिंग क्लासेस छात्रों के लिए उनकी परीक्षाओं में सफल होने का प्रभावी साधन नहीं हैं।

स्टूडेंट कोचिंग पर निर्भर

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि जो स्टूडेंट अपनी रेगुलर स्कूल क्लास बंग करते हैं, वे अक्सर बाहरी क्लासिस पर निर्भर हो जाते हैं।

एग्जाम कराने का गलत तरीका

मूर्ति इस बात का विरोध करते हैं, कि कोचिंग क्लास बच्चों को परीक्षा पास करने में मदद करने का गलत तरीका हैं।

विश्व स्तरीय शिक्षा

जब हम भारत में STEM शिक्षा को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि हमारे छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षण संसाधनों तक पहुंच मिले।

माता पिता भी कोचिंग पर निर्भर

स्टूडेंट क्लास में टीचर्स की बातें ध्यान से नहीं सुनते और माता-पिता। जो अक्सर अपने बच्चों की पढ़ाई में हेल्प करने में असमर्थ होते हैं, कोचिंग सेंटरों को ही एकमात्र समाधान मानते हैं।

कौशलपूर्ण शिक्षा

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऑब्जर्वेशन, एनालिसिस एंड हाइपोथेसिस टेस्टिंग स्किल एजुकेशन में शामिल होनी चाहिए। जो वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी है।

रटना शिक्षा का आधार नहीं

शिक्षा का लक्ष्य यह सीखना है कि कैसे सीखा जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रटने की बजाय समझ और क्रिटिकल थिंकिंग ही बच्चे की शिक्षा का आधार होनी चाहिए।

माता-पिता की जिम्मेदारी

नारायणमूर्ति ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में अनुशासित माहौल बनाना माता-पिता की जिम्मेदारी है।

ऐसे ही मोटिवेशनल कोट्स, सरकारी नौकरियों, करियर टिप्स और एजुकेशन से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh.com के साथ।

ये 9 शब्द आपको बनाएंगे स्मार्ट