केवल बुद्धिमान लोग ही मानते हैं चाणक्य की ये बातें


By Mahima Sharan19, Mar 2025 02:40 PMjagranjosh.com

बुद्धिमानों के लिए चाणक्य के सूत्र

चाणक्य एक प्रसिद्ध दार्शनिक और शानदार मौर्य साम्राज्य के सलाहकार थे। उनकी मृत्यु के सदियों बाद भी उनके शब्द कई लोगों का सही मार्गदर्शन करते हैं। उनके कुछ सूत्र छात्रों को एक शैक्षणिक यात्रा पर ले जाने के लिए प्रेरित करती हैं। यहां उनके द्वारा बताए गए कुछ सूत्र है, जो केवल बुद्धिमान प्राणी ही समझ सकता है।

शिक्षक के मार्गदर्शन को महत्व दें

जिस विद्वान ने बिना किसी सच्चे आध्यात्मिक गुरु के आशीर्वाद के पुस्तकों का अध्ययन करके ज्ञान प्राप्त किया है, वह सच्चे विद्वानों की सभा में चमक नहीं पाता है। गुरु का साथ जीवन में बेहद ही जरूरी है, इसलिए गुरु का सम्मान करें और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर ही चले।

ज्ञान को चेतना के साथ समर्थित किया जाना चाहिए

व्यक्ति चार वेदों और धर्म शास्त्रों को जान सकता है, फिर भी अगर उसे अपने आध्यात्मिक स्व का कोई बोध नहीं है, तो उसे उस करछुल की तरह कहा जा सकता है जो सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों को हिलाता है लेकिन किसी का स्वाद नहीं जानता। वो ज्ञान ही है जो आपको चीजों को बोध करती है, आपको यह जानने का मौका देती है कि क्या आवश्यक है, सही गलत के बीच का भेद बताती है।

प्राथमिकता तय करना सीखें

ज्ञान असीमित है, और सीखने योग्य कलाएं अनेक हैं। हमारे पास समय कम है, और सीखने के हमारे अवसर बाधाओं से घिरे हुए हैं। इसलिए सीखने के लिए वही चुनें जो सबसे महत्वपूर्ण है, जैसे हंस पानी में केवल दूध पीता है। हर चीज के पीछे न भागे केवल उन चीजों पर ध्यान दे, जो आपके लिए जरूरी है।

आत्म-जागरूकता आवश्यक है

ज्ञानी व्यक्ति वह है जो अवसर के अनुकूल बोलता है, जो अपनी क्षमता के अनुसार प्रेमपूर्वक सेवा करता है, और जो अपने क्रोध की सीमा जानता है। आत्म-जागरूकता बेहद ही जरूरी है, क्योंकि यह आपको यह जानने का मौका देता है कि आपके लिए क्या, कितना और कब जरूरी है।

आपके कर्म भाग्य को हरा सकते हैं

जो व्यक्ति भविष्य के लिए तैयार रहता है और जो किसी भी स्थिति से चतुराई से निपटता है, वे दोनों ही सुखी होते हैं; लेकिन भाग्यवादी व्यक्ति जो पूरी तरह भाग्य पर निर्भर रहता है, वह बर्बाद हो जाता है। गीता में श्री कृष्ण ने भी कहा है कर्म करों पार्थ, क्योंकि तुम्हारी पहुंच केवल कर्म पर है। इसलिए कभी भी चीजों को भाग्य के भरोसे न छोड़े।  याद रखे आपके कर्म में भाग्य को हराने की क्षमता है, लेकिन अगर आप कोशिश ही नहीं करेंगे, तब चीजें खुद आपके पक्ष में कभी नहीं हो सकती है।

जिस व्यक्ति ने चाणक्य की इन बातों को मान लिया उन्हें जीवन में कोई नहीं हरा सकता है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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