इन साइकोलॉजिकल ट्रिक्स से दूर करें बच्चों का एग्जाम स्ट्रेस
By Mahima Sharan10, Feb 2025 11:17 AMjagranjosh.com
एग्जाम स्ट्रेस से कैसे निपटे
फरवरी शुरू होते ही बच्चों के दिल की धड़कने भी तेज हो गई है, क्योंकि बोर्ड एग्जाम में अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। ऐसे में एग्जाम का स्ट्रेस और एंजाइटी बच्चों में आम है, लेकिन माता-पिता के तौर पर आपको बच्चों को इस समस्या से निकालना जरूरी है। स्ट्रेस का नकारात्मक प्रभाव बच्चों के एग्जाम पर पड़ सकता है, इसलिए यहां कुछ साइकोलॉजिकल ट्रिक्स दिए गए हैं, जिसकी मदद से आप बच्चों के स्ट्रेस को दूर कर सकते हैं।
एग्जाम स्ट्रेस
परीक्षा के दौरान बच्चों में स्ट्रेस होना आम बात है। ज्यादातर बच्चे टेंशन में रहते हैं, इसलिए भूलकर भी बच्चों की तुलना दूसरों से न करें। ऐसा करने से बच्चों के अंदर कंपटीशन की भावना बढ़ जाती है और वे तनाव वे आ सकते हैं। कई बार दूसरों से अच्छा करने के चक्कर में बच्चे इतने तवानपूर्ण हो जाते हैं कि एग्जाम के वक्त उनका परफॉर्मेंस खराब हो सकता है।
हौसला बढ़ाए
एग्जाम के दौरान बच्चों के साथ हौसला बढ़ाने वाली बातें करें। अपने बच्चे से ये न कहें कि उन्होंने साल भर पढ़ाई न की अब क्या कर लेंगे। ऐसी बातें बच्चों का मनोबल कमजोर कर सकती हैं।
दबाव न बनाए
बच्चों के लिए यह बेहद ही नाजूक समय होता है, इसलिए इस वक्त उनके ऊपर किसी तरह का दबाव न बनाए। फालतू के दबाव बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक साबित हो सकती है।
रिवीजन के लिए कहें
इस वक्त कुछ नया पढ़ना बच्चों के लिए स्ट्रेसफुल हो सकता है, इसलिए बच्चों को केवल रिवीजन पर फोकस करने के लिए कहें।
पिछले साल के पेपर
एग्जाम में अब कुछ ही दिन बचा है, इसलिए बच्चे जितना ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे उनके लिए उतना ही बेहतर होगा। बच्चों को पिछले साल के पेपर सॉल्व करने के लिए कहे, ऐसा करने से बच्चे एग्जाम के बैठने के लिए तैयार होते हैं।
इन साइकोलॉजी ट्रिक्स की मदद से आप बच्चों को परीक्षा के दौरान शांत रख सकते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
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