राज्यसभा का चुनाव कैसे होता है?


By Mahima Sharan28, Feb 2024 03:17 PMjagranjosh.com

राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया

राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से पहले ही पता चल जाता है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने वाली है। इसका पहला कारण है कि राज्यसभा में गुप्त मतदान नहीं होता है और दूसरा यह है कि यहां इंडायरेक्ट मेंबर चुनाव के माध्यम से चुने जाते हैं।

राज्यसभा का सभापति

तो सबसे पहले हम आपको राज्यसभा के बारे में बता दें कि राज्यसभा का सभापति भारत का उपराष्ट्रपति होता है और इस सदन के सदस्य 6 साल के लिए चुने जाते हैं। वहीं, एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल हर दो साल में पूरा होता है।

राज्यसभा चुनाव लोकसभा चुनाव से अलग होते हैं

राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल छह साल तक होता है, जबकि लोकसभा में सांसदों का कार्यकाल पांच साल का होता है। लोकसभा चुनाव के अलावा राज्यसभा में जाने वाले सांसद जनता द्वारा नहीं चुने जाते हैं, ये सांसद जनता द्वारा चुने गए विधायकों द्वारा चुने जाते हैं।

राज्यसभा चुनाव कैसे होते हैं?

राज्यसभा चुनाव में एमएलए यानी विधायक वोट करते हैं और राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग का फॉर्मूला भी काफी अलग होता है। कुल विधानसभा सीटों को किसी राज्य की खाली राज्यसभा सीटों में से एक जोड़कर विभाजित किया जाता है और फिर इसमें एक जोड़ा जाता है।

विधायक करते हैं वोट

राज्यसभा के लिए होने वाली मतदान में सभी विधायक वोट करते हैं और उनका वोट सिर्फ एक बार गिना जाता है। यही कारण है वे हर सीट पर वोट नहीं करते। ऐसे में विधायकों को प्राथमिकता के आधार पर वोट करना होगा।

लिखकर होता है बताना

उन्हें कागज पर लिखकर बताना होगा कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी पसंद कौन है, फिर जिसे पहली पसंद के लिए अधिक वोट मिलेंगे उसे विजेता माना जाएगा।

वोटों की गिनती का फॉर्मूला कठिन है

राज्यसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती की प्रक्रिया काफी मुश्किल है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को एक तय संख्या में वोट हासिल करने की आवश्यकता होती है, जिसे कोटा कहा जाता है।

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