By Mahima Sharan28, Nov 2024 10:11 AMjagranjosh.com
बच्चों का खराब व्यवहार
बच्चों का जिद्दीपन एक चिंता का विषय है जो माता-पिता को हैरान और निराश कर देती है। धीरे-धीरे यह बच्चों के व्यवहार का एक हिस्सा बन जाते हैं, जिससे बाद में उन्हें और उनके आस-पास के लोगों को समस्या हो सकती है। आज हम उन चीजों के बारे में बात करेंगे, जो बच्चों के गुस्से को ट्रिगर करती हैं-
भावनात्मक कौशल की कमी
बच्चे अपनी फिलिंग्स को सही से मैनेज नहीं पातें हैं। अगर किसी बच्चे को गुस्सा, हताशा या निराशा व्यक्त करने के स्वस्थ तरीके नहीं सिखाए गए हैं, तो वे गुस्सा का सहारा ले सकते हैं। अक्सर, यह जानबूझकर नहीं होता है बल्कि अभिभूत महसूस करने का परिणाम होता है।
व्यवहार की नकल करना
बच्चे अपने माता-पिता, देखभाल करने वालों और यहां तक कि शिक्षकों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं। अगर वे उन्हें कठोर शब्दों का इस्तेमाल करते हुए देखते हैं, तो वे भी यही व्यवहार कर सकते हैं।
असंगत अनुशासन
सीमाएं तय करने या नियमों को लागू करने में असंगतता बच्चों को भ्रमित कर सकती है। बच्चों का व्यवहार इस बात पर बहुत ही ज्यादा निर्भर करता है कि वे किसके साथ अपना अधिकतम बिताते हैं। अगर बच्चा सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताता है, तो पूरी संभावना हो सकती हैं कि वे वहां से कुछ गल सीखें। सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट की भरमार मिल जाती है, जिससे बच्चे सही रास्ते से भटकने लगते हैं।
इमोशनल स्पोर्ट का न मिलना
जब बच्चों को अपने माता-पिता या दोस्तों प्यार या स्नेह नहीं मिलता है, तब वे जिद्दी और बदतमीज बन जाते हैं। ऐसे में बच्चे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए गुस्सा का सहारा लेते हैं। उन्हें लगता है कि गुस्सा करने से या चिल्लाने से सभी उनकी बातों को गौर से सुनेंगे।
हद से ज्यादा अनुशासन
जीवन में अनुशासन का होना बेहद ही जरूरी है, लेकिन किसी भी चीज का हद से ज्यादा होना उल्टा पड़ सकता है। जब बच्चे को बात-बात पर टोका जाएं या डांटा-मारा जाए तब बच्चे जिद्दी बन जाते हैं।
ये आदतें ही एक बच्चे में बुरा व्यवहार करने के लिए मजबूर करती हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
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