By Priyanka Pal13, Apr 2024 11:45 AMjagranjosh.com
कोल्हापुर महाराष्ट्र राज्य का छोटा सा शहर है। यह पहले छत्रपति शाहू द्वारा शासित एक रियासत था। आगे, जानिए कैसे पड़ा इस शहर का नाम कोल्हापुर।
कोल्हापुर
मराठों के समय की विरासत कोल्हापुर महाराष्ट्र का एक शहर है। पुणे से 230 किमी दूर स्थित यह शहर कोल्हापुर रियासतों में से एक है। इसके अलावा इस शहर को मसालों की राजधानी भी कहा जाता है।
आजादी से पहले
यह शहर अपनी प्राचीनता के लिए जाना जाता है, इसे प्राचीन मंदिरों और महलों का घर माना जाता है। इसे मसालों की राजधानी भी कहा जाता है। ताया जाता है कि आजादी से पहले तक यह शहर 19 तोपों की सलामती रियासत के नाम से भी मशहूर था।
कोल्हापुर का नाम कैसे पड़ा?
पौराणिक मान्याताओं के मुताबिक, यहां पहले कोल्हासुर नाम का राक्षस रहता था। यहां रहने वाले लोग उससे दुखी थे। इस प्रार्थना के बाद कोल्हासुर राक्षस और महालक्ष्मी देवी के बीच 9 दिनों तक युद्ध चला, जिसमें कोल्हासुर राक्षस हार गया। तब से इस शहर का नाम कोल्हासुर से कोल्हापुर पड़ा।
चप्पल के लिए मशहूर
अपने हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है यह शहर। यहां की बनीं चप्पलें बहुत मशहूर हैं। सिंपल स्टाइल, लेदर की क्वालिटी और यूनिक डिजाइन वाली चप्पलों की कारगरी हाथों से की जाती है।
महोत्सव
कोल्हापुर अपने सांस्कृतिक महोत्सव के लिए भी जाना जाता है। जिसका नाम है रंकाला महोत्सव। यह नगर निगम द्वारा आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव में आपको परंपराओं से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
मंदिर
इस शहर में आपको महालक्ष्मी मंदिर, ज्योतिबा मंदिर और कोल्हापुर फूड बहुत पॉपुलर हैं। इस शहर ने अपने खाने को लेकर लोगों के बीच अलग पहचान बनाई है।
मसाले
यहां का मिसल बहुत पॉपुलर है। यह आलू, मटर और अन्य स्प्राउट्स की एक मसालेदार ग्रेवी है। पूरे महाराष्ट्र में प्रसिद्ध मिसल केवल यहां ही पाई जाती है।
कुश्ती का हब
कोल्हापुर में भारतीय कुश्ती का हब है। कई अखाड़े हैं जहां हर सुबह और शाम को कुश्ती मैच आयोजित किए जाते हैं। महालक्ष्मी मंदिर के पास मोतीबाग अखाड़ा घूमने के लिए एक अच्छी जगह है।
ऐसी ही जनरल नॉलेज, सरकारी नौकरियों, करियर टिप्स, मोटिवेशनल कोट्स और एजुकेशन से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh.com के साथ।