By Mahima Sharan18, Jun 2023 02:02 AMjagranjosh.com
ऑफिस प्रेशर
कई बार ऊंची इमारतों और बड़ी कंपनियों में अभी भी कर्मचारियों के साथ शोषण होता है। कभी किसी की सैलरी रुक जाती है तो कभी ओवरटाइम का प्रेशर।
लीगल राइट्स
अगर आप कंपनी के इस तरह के रवैये से परेशान हैं, तो आपको बताते हैं कि कानून के हिसाब से क्या हैं नियम और ऐसी स्थिति में आप क्या कर सकते हैं।
नोटिस पीरियड
कर्मचारियों पर नोटिस पीरियड पूरा करने का दबाव बनाया जाता है। अगर आपने किसी समझौते पर साइन नहीं किया है, तो कंपनी कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
ओवरटाइम
अगर तय शिफ्ट से ज्यादा काम होता है तो कर्मचारी को इसकी शिकायत करने का अधिकार है। ऐसे में कर्मचारी लेबर कोर्ट में लिखित शिकायत कर सकते हैं।
सैलरी न दे तो
सैलरी न दे तो
जॉइनिंग लेटर
जॉइनिंग लेटर
नाइट शिफ्ट
नाईट शिफ्ट में जिन महिलाओं की ड्यूटी लगाई जाती है उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संस्थान की होती है। साथ ही उन्हें ट्रांसपोटेशन देने की भी जिम्मेदारी संस्थान की है।
वर्क टाइम
श्रम विभाग के मुताबिक कोई भी कर्मचारी एक दिन में 12 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेगा। भले ही इसे ओवरटाइम में गिना जा रहा हो, पर यह नियम के विरुद्ध है।
टर्मिनेट
कोई भी कंपनी भेदभाव के आधार पर किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाल सकती है। ये जाति, आयु, लिंग, राष्ट्रीयता आदि भेदभाव पर आधारित हो सकते हैं।
ये हैं भारत की टॉप 10 यूनिवर्सिटी, लाइफ हो जाएगी सेट