सद्गुरु के ये अनमोल विचार मन में भर देंगे जोश


By Mahima Sharan07, Sep 2023 05:00 PMjagranjosh.com

अचेतन

अचेतन की स्थिति से ही भय पैदा होता हैं। भयभीत होकर आप खुद को सुरक्षित नहीं रख सकते. केवल सचेतन होकर ही हालातों को नियंत्रित किया सकता हैं।

भौतिकता

भौतिकता से परे जाने में ही रूपांतरण हैं जहां पर आप अभी हैं, वहां से जब आप सतत ऊपर उठते रहते हैं, तो एक दिन आप बहुत गहराई में रूपांतरित हो जायेंगे।

सोच

ये मत सोचो कि आपका पैसा, रिश्ते, या परिवार आपके लिए को बीमा हैं। बल्कि यह जानना की स्वयं को सभी स्तरों पर अच्छे से कैसे रखे, आपके लिए सिर्फ यहीं बिमा हैं और यहीं योग हैं।

सांत्वना

अगर आप सांत्वना चाहते हैं, तो मान्यता व विश्वास की प्रणालियां ठीक हैं लेकिन अगर आप समाधान चाहते हैं तो आपको ढूढना व खोजना होगा।

अधूरापन

अधूरापन और अपूर्णता की भावना ही जलन और इर्ष्या की बुनियादी प्रकृति हैं। अगर आप वाकई आनंद में हैं, तो आपको किसी से कोई इर्ष्या नहीं होगीं।

याददाश्त

बुद्धि जो याददाश्त के आधार पर काम करती हैं, वह एक शानदार और अलौकिक साधन हैं। लेकिन यह केवल जानकारी से हासिल हो सकती हैं, यह रूपांतरित नहीं हो सकती।

सफल

आप कितने सफल हैं,यह वास्तव में इस पर निर्भर करता हैं कि आप अपने शरीर और मन को कितने अच्छे तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।

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