संस्कृत के ये श्लोक बढ़ाएंगे बच्चों का मनोबल


By Mahima Sharan01, Jan 2025 12:05 PMjagranjosh.com

संस्कृत के श्लोक

इस स्टोरी में आज हम संस्कृत के कुछ शक्तिशाली श्लोकों के बारे बात करेंगे, जो छात्रों का मनोबल बढ़ाने में मदद करता है।

कालोऽयं सर्वविनाशन ||

समय सभी चीजों का नाश करने वाला है। छात्रों के लिए एक अनुस्मारक कि वे समय को महत्व दें और अपनी पढ़ाई में इसका बुद्धिमानी से उपयोग करें।

मनसिजं दुःखं सर्वं भवति ||

सभी दुख मन में पैदा होते हैं। यह श्लोक सिखाता है कि मानसिक लचीलापन और सकारात्मक सोच सीखने में आने वाली परेशानियों को दूर कर सकती है।

ॐ ऎकं सद्विप्राः बहुधा वदन्ति ||

यह श्लोक छात्रों को सभी स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करने और ज्ञान के प्रकार में एकता को समझने के लिए प्रोत्साहित करता है।

तस्मिन्स्थिते जगतं सर्वं ||

जब कोई अपना मन ईश्वर पर केंद्रित करता है, तो पूरी दुनिया केंद्रित हो जाती है। यह शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में फोकस के महत्व पर जोर देता है।

आत्मा दीपो भव ||

अपने आप में एक प्रकाश बनो। छात्रों को सफलता के लिए अपनी क्षमताओं और अंदर की शक्ति पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित करना।

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं ||

वह जो शांतिपूर्ण है, जिसकी नींद में कोई व्यवधान नहीं है, जो परम वास्तविकता है। यह तनावपूर्ण समय के दौरान शांति लाने के लिए शांति मंत्र।

ध्यानेनात्मनि पश्यन्ति ||

ध्यान के माध्यम से, व्यक्ति सच्चे स्व को देखता है। यह छात्रों को याद दिलाता है कि गहरी ध्यान और एकाग्रता आत्म-जागरूकता और स्पष्टता की ओर ले जाती है।

छात्रों को अपना मनोबल बढ़ाने के लिए इन श्लोकों को जरूर पढ़ना चाहिए। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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