श्रीराम की नगरी अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी से जुड़ी बातें
By Priyanka Pal22, Jan 2024 12:09 PMjagranjosh.com
अयोध्या
भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या उत्तर प्रदेश राज्य की सबसे प्रसिद्ध नगरी है। इस अयोध्या के सर्वप्रसिद्ध होने का कारण यहां जन्में भगवान राम से जाना जाता है।
नदियां
हमारे देश में नदियों की पूजा की जाती है और हर नदी का अलग महत्व है। अथर्ववेद में अयोध्या को ईश्वर का नगर कहा गया है, जिसकी तुलना स्वर्ग से की गई है। वहीं यहां भगवान राम के होने की साक्षी बनी ये सरजू नदी जिसने अपनी पवित्रता कई सालों से कायम की हुई है।
सरयू नदी
ये नदी शारदा की सहायक है जिसे सरयू के नाम से जाना जाता है। हिमालय से बहकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच से गुजरती हुई यह नदी 350 किमी में बहती है।
सात सहायक नदियां
इस नदी का विवरण प्राचीन वेद और रामायण जैसे ग्रंथों में मिलता है। यह गंगा नदी की सात सहायक नदियों में से एक है और इतनी पवित्र मानी जाती है लोग इसका स्नान कर पवित्र हो जाते हैं।
जल स्त्रोत
सरयू नदी उत्तर प्रदेश में सबसे प्रमुख जल मार्गों में से एक है, जो सरमुल से निकलती है। अयोध्या की भूमि को उपजाऊ बनाने और भगवान श्रीराम जन्म का साक्षी बनने में सरयू का बड़ा महत्व है।
लंबाई
सरयू नदी की लंबाई 350 किलोमीटर है और इसकी स्रोत ऊंचाई 4150 मीटर है। इस नदी का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है।
राम के होने की साक्षी
सरयू नदी भगवान राम के जन्म, उनके बचपन, वनवास और फिर उनकी अयोध्या वापसी तक की साक्षी है। सदियों से बहती इस नदीं ने भगवान राम के पूरे जीवन को देखा है।
सरयू का महत्व
अयोध्या में त्रेता युग में भगवान श्री राम का जन्म स्थान और राज्य की राजधानी अयोध्या सरयू नदी के तट पर स्थित है, इस प्रकार यह भारत में अत्यधिक महत्वपूर्ण नदियों में से एक है।
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