By Mahima Sharan01, Mar 2025 09:21 AMjagranjosh.com
खुद को करें स्वीकार
हम सभी की अपनी-अपनी पर्सनैलिटी और खासियत होती है। लेकिन, कई बार लोग दूसरों की पर्सनैलिटी के इतना ज्यादा आकर्षित हो जाते हैं, कि वे खुद को बदलना शुरू कर देते हैं। हालांकि यह समझना जरूरी है कि क्या आपको सच में खुद को बदलने की जरूरत है? आइए जानते हैं क्यों जरूरी है हम जैसे है खुद को वैसे ही कबूल करना-
चीजों के साथ शांति बनाना
जितना ज्यादा आप वास्तविकता से लड़ते हैं, चीजें उतनी ही कठिन लगती हैं। जो आप नहीं बदल सकते, उसका विरोध करने के बजाय, उसे स्वीकार करें।
खुद के प्रति ईमानदार होना
कभी-कभी, हम जीवन को उस तरह से देखते हैं जैसा हम चाहते हैं कि वह हो, न कि जैसा वह है। अपनी ताकत, संघर्ष और स्थिति के बारे में खुद के साथ ईमानदार होना बेहद ही जरूरी है। स्वीकार करने का यह मतलब नहीं है कि आप हार मान गए है।
खुद के प्रति दयालु होना
खुद को जानना जरूरी है, लेकिन खुद के साथ दयालुता से पेश आना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अपनी खामियों की आलोचना करने के बजाय, उन्हें बिना किसी निर्णय के स्वीकार करें।
अपनी भावनाओं को बाहर आने दें
दुखी, निराश या डिप्रेशन महसूस करने में कुछ भी गलत नहीं है। भावनाएं इंसान होने का हिस्सा हैं, और उन्हें दूर धकेलने से चीज़ें और भी खराब हो जाती हैं। अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और जरूरत पड़ने पर उन्हें व्यक्त भी करें।
याद रखें कि खामियां आपकी पहचान नहीं है
आपकी गलतियां और खामियां आपकी कहानी का सिर्फ़ एक हिस्सा हैं। वे आपको असफल नहीं बनातीं। हर किसी में कमज़ोरियाँ होती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे योग्य नहीं हैं।
याद रखें खुद को दूसरों के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए बदलें। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ