भारत के सबसे पढ़े लिखे इंसान कौन थे ? 20 डिग्रियों के साथ बनाया रिकॉर्ड


By Mahima Sharan05, Feb 2024 10:57 AMjagranjosh.com

जनरल नॉलेज

क्या आप जानते हैं भारत के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति कौन है जिनके पास करीब 20 डिग्रियां है? अगर नहीं तो आपको इस बारे में जरूर जानना चाहिए-

भारत के सबसे शिक्षित व्यक्ति

वास्तव में, भारत के सबसे शिक्षित व्यक्ति ने 42 विश्वविद्यालय परीक्षाएं दीं और उनमें से 20 परीक्षा पास किया। उन्होंने अपनी अधिकांश परीक्षाएं फर्स्ट ग्रेड से पास की है साथ ही कई स्वर्ण पदक भी जीता है।

श्रीकांत जिचकर

दरअसल, हम बात कर रहे हैं श्रीकांत जिचकर की, जिन्हें आधिकारिक तौर पर भारत के सबसे शिक्षित व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। वे आईएएस ऑफिसर भी रह चुके हैं।

देश के सबसे योग्य व्यक्ति

जब श्रीकांत जिचकर 25 वर्ष के थे, तब तक उनके नाम पर पहले से ही 14 पोर्टफोलियो थे और उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी लिस्ट किया गया था। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुताबिक देश के सबसे योग्य व्यक्ति होने का खिताब आज भी जिचकर के नाम है।

जीते है कई गोल्ड मेडल

आपको बता दें कि जिचकर ने अपनी ज्यादातर परीक्षाओं में न सिर्फ प्रथम स्थान हासिल किया है, बल्कि कई गोल्ड मेडल भी जीते हैं। 1973 से 1990 के बीच श्रीकांत जिचकर ने विश्वविद्यालयों में 42 परीक्षाएं दीं।

आईएएस बनने के बाद राष्ट्रीय चुनाव में लिया भाग

आईपीएस बनने के तुरंत बाद आईएएस की परीक्षा देने के लिए इस्तीफा दे दिया और उन्होंने आईएएस की परीक्षा भी पास कर ली। आईएएस बनने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय चुनाव में भाग लेने के लिए चार महीने बाद अपना पद छोड़ दिया।

महाराष्ट्र विधानसभा में लड़ा चुनाव

1980 में, उन्हें महाराष्ट्र विधान सभा में सेवा के लिए चुना गया, जिसके बाद वह देश के सबसे कम उम्र के सांसद बनें। उन्होंने राज्य मंत्री, राज्यसभा सदस्य और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य के रूप में भी पद संभाला है।

क्रिएटिव स्किल्स

डॉ. जिचकर ने 1999 में राज्यसभा जाने का फैसला किया जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनमें हमेशा से ही रचनात्मक भावना थी और उन्हें पेंटिंग करना, तस्वीरें खींचना और नाटक करना पसंद पसंद था।

भारत को किया है रिप्रेजेंट

उन्होंने धर्म, स्वास्थ्य और शिक्षा पर भाषण देने के लिए पूरे देश की यात्रा भी की। उसी समय उन्होंने यूनेस्को में भारत को रिप्रेजेंट भी किया। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था; 2 जून 2004 को एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई और उस वक्त वे 49 वर्ष के थे।

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