By Mahima Sharan29, Feb 2024 12:42 PMjagranjosh.com
फरवरी क्यों है खास?
साल 2024 का फरवरी महीना खास है क्योंकि इस महीने में एक दिन एक्स्ट्रा मिल रहा है। जिसका नसीब चार साल के बाद आता है। इस 2024 महीने में 28 की जगह 29 तारीखें हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 2024 एक लीप वर्ष है और यह हर चार साल में एक बार आता है।
क्या है लीप ईयर?
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये तारीख यानी 29 फरवरी हर चार साल में ही क्यों आती है? यदि फरवरी में 29 तारीख कभी न हो तो क्या होगा? क्या आपके पास इन सवालों के जवाब हैं? अगर नहीं तो इन सभी सवालों के जवाब आपको हम देंगे।
लीप वर्ष के बारे में जानें
ग्रेगोरियन कैलेंडर दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाले कैलेंडरों में से एक है। इस कैलेंडर के अनुसार हर 4 साल में एक अतिरिक्त दिन जोड़ा जाता है और यह दिन फरवरी महीने में ही जोड़ा जाता है, जिससे यह महीना 29 दिनों का हो जाता है। इस एक्स्ट्रा दिन को लीप डे कहा जाता है।
4 सालों में लीप वर्ष आने का क्या है कारण?
जब से दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया गया तब से ही लीप वर्ष शुरू हो गया है। ऐसा कहा जाता है कि अगर हम लीप ईयर नहीं मनाएंगे तो हम हर साल 0.2422 दिन पीछे चले जाएंगे। तो 400 साल में यह लगभग 91 दिन का अंतर होगा। इससे क्लाइमेट में बदलाव हो सकता है।
पृथ्वी कितने दिनों में सर्यू की प्रक्रिया पूरी करता है?
इसका मतलब है कि 400 वर्षों में, वसंत गर्मी होगी, और सर्दी वसंत होगी। आमतौर पर कहा जाता है कि पृथ्वी को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन लगते हैं, लेकिन वास्तव में पृथ्वी को 365.2422 दिन लगते हैं। इस अंतर को ठीक करने के लिए हम हर चार साल में एक लीप वर्ष मनाते हैं।
फरवरी में ही क्यों जुड़ता है एक एक्स्ट्रा दिन?
जूलियन कैलेंडर के अनुसार पहला महीना मार्च और आखिरी महीना फरवरी था। इस कैलेंडर में लीप ईयर भी शामिल किया गया था। उस समय लीप वर्ष का एक एक्स्ट्रा दिन आखिरी महीने यानी फरवरी में जोड़ा जाता था। बाद में ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया गया और इसलिए वह एक एक्स्ट्रा दिन फरवरी में जुड़ गया।
लीप ईयर का इतिहास
लीप ईयर का इतिहास बहुत ही पुराना माना जाता है। प्राचीन इजिप्टियन और रोमन लोग लीप ईयर का उपयोग करते थे। इसका प्रयोग प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आज तक किया जा रहा है।
पहला लीप वर्ष कब था?
प्रथम लीप वर्ष की स्थापना जूलियस सीजर ने 46 ईसा पूर्व में की थी। आपको बता दें कि जूलियस सीजर द्वारा स्थापित जूलियन कैलेंडर में हर चार साल में एक लीप वर्ष का प्रावधान था। इसके बाद 1582 में जूलियन कैलेंडर को ग्रेगोरियन कैलेंडर में बदल दिया गया।
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