By Priyanka Pal19, Aug 2024 06:00 AMjagranjosh.com
रक्षा बंधन के पीछे की कहानी
भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने वाला यह त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। लेकिन क्या आप इस त्योहार को मनाने के पीछे की असली वजह जानते है? यदि नहीं, तो आज इस वेब स्टोरी में जानिए।
रक्षा बंधन का मुगल शासन से संबंध
हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहार का इतिहास रानी कर्णावती और मुगल सम्राट हुमायूं से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी। इसके बाद से इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हुई।
मदद के लिए बांधी राखी
विधवा रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट को उस वक्त राखी भेजी थी, जब गुजरात के बादशाह बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर हमला किया था। उन्होंने मदद की गुहार के लिए बांधी थी मुगल शासक को राखी।
राखी बंधवाकर दिया वचन
राखी के बंधन से अपने फर्ज को पूरा करने के लिए रानी कर्णावती की मदद करने के लिए हुमायूं अपनी विशाल सेना के साथ चित्तौड़ निकल गए थे।
हुमायूं की जीत
बहादुर शाह और हुमायूं के बीच युद्ध हुआ जिसमें हुमायूं को जीत हासिल हुई। उन्होंने दोबारा रानी कर्णावती के बेटे विक्रमजीत सिंह को चित्तौड़ का शासन सौंप दिया।
भाई-बहन का रिश्ता
इस तरह भाई-बहन का यह रिश्ता हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। हर साल यह त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
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