साइकोलॉजी के अनुसार क्यों तारीफ स्वीकार करने में आती है शर्म?


By Mahima Sharan03, Apr 2025 06:41 PMjagranjosh.com

तारीफ स्वीकार करने में क्यों आती है शर्म

हममें से कई लोग दूसरों से तारीफ़ स्वीकार करने में शर्म महसूस होती है। सिर्फ कॉन्फ्रेंस रूम में ही नहीं, बल्कि कई बार तो हम पार्टी और दोस्तों के बीच भी तारीफ़ स्वीकार करने में शर्म महसूस करते हैं। क्या आपने कभी गौर किया है कि ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे क्या कारण है। एक तरफ़ जहां लोग अपनी तारीफ को खुले दिल से स्वीकार करते हैं, वहीं दूसरी तरफ़ कुछ लोग इसे स्वीकार करने में असहज महसूस करते हैं। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिसकी मदद से आप इसे आसानी से सुधार सकते हैं।

आसान स्वीकृति का अभ्यास करें

इससे पहले कि आपके दिमाग को भटकने का समय मिले और आप शर्म महसूस करें, सामने वाले का शुक्रिया अदा करें। अपनी तारीफ होने पर सभी को प्यारे से धन्यवाद कहें।

प्रशंसा में उपहार को पहचानें

जब कोई प्रशंसा करता है, तो वह आपको एक उपहार दे रहा होता है। अगर आप इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं, तो इसका मतलब होता है कि आप उस व्यक्ति के दृष्टिकोण और निर्णय को भी अस्वीकार कर रहे हैं।

प्रशंसा स्वीकार करने की आदत डालें

प्रशंसा प्राप्त करने के लिए खुद को व्यक्तिगत रूप से तैयार करें। चाहे वह गहरी सांस लेना हो, आंख से संपर्क बनाए रखना हो, या 'मैं इसे स्वीकार करता हूं' जैसे बातें कहनी हो।

जर्नल करें

अगर आप अपने शर्म के बोझ से नहीं निकल पा रहे हैं, तो उसे लिखना शुरू कर दें। लिखने से आपका मन हल्का होता है और आप खुलकर अपने भाव व्यक्त कर पाते हैं।

सार्थक तरीके से जवाब दें

किसी व्यक्ति की तारीफ को तुरंत वापस करके टालने के बजाय, पहले उसकी तारीफ को स्वीकार करें। फिर, बाद में उनकी बातों का सही तरीके के जवाब दें।

इस तरह से आप अपने शर्माने की आदत से बाहर निकल सकते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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