ज्वार-भाटा क्या होता हैं? जानिए


By Prakhar Pandey2023-03-09, 17:47 ISTjagranjosh.com

Tide

आइए जानते हैं ज्वार भाटा (Tide) क्या होता हैं?

ज्वार भाटा

ज्वार भाटा चन्द्रमा एवं सूर्य की आकर्षण शक्तियों के कारण सागरीय जल के ऊपर उठने तथा गिरने को कहते हैं।

तरंगे

ज्वार भाटा एक सागरीय तरंगे हैं जो चांद पृथ्वी और सूर्य के आपस के आकर्षण से उत्पन्न हुए थे।

रोचक तथ्य

चंद्रमा की ज्वार पैदा करने की क्षमता सूर्य की तुलना में 2.17 गुना अधिक है। चंद्रमा सूर्य से 2.5 लाख से अधिक गुना छोटा है लेकिन सूर्य की तुलना में 380 गुना पृथ्वी के अधिक नजदीक है।

पृथ्वी की सतह

पृथ्वी का जो सतह है वह अपने केंद्र की तुलना में चंद्रमा से लगभग 6400 किलोमीटर पास है। पृथ्वी के उस भाग में जो चाँद के सामने होता है, आकर्षण अधिकतम होता है और ठीक उसके दूसरी ओर न्यूनतम होता हैं।

आकर्षण का प्रभाव

आकर्षण के प्रभाव के चलते चंद्रमा के सामने मौजूद जलमंडल का जल ऊपर उठ जाता है, जिसके कारण वहाँ ज्वार आता है।

ज्वार आने की वजह

दो ज्वार वाले स्थानों के बीच का जल ज्वार की ओर खिंच जाने के कारण बीच में समुद्र का तल सामान्य से नीचे चले जाता है, जिससे वहाँ टाइड उत्पन्न होता है।

दो बार ज्वार एवं दो बार भाटा

एक दिन में हर स्थान पर सामान्यतः: दो बार ज्वार एवं दो बार भाटा आता हैं, जिसकी वजह धरती को घूमते रहना हैं।

5 प्रकार के टाइड

निम्न ज्वार, अर्द्ध-दैनिक ज्वार, दैनिक ज्वार, मिश्रित ज्वार, उच्च ज्वार और अयनवृत्तीय और विषुवत रेखीय ज्वार होता हैं।

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