पूनम की रात का मतलब क्या होता है?


By Mahima Sharan16, Jan 2025 02:31 PMjagranjosh.com

पूनम की रात

पूनम की रात जिसे पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, तब होता है जब चांद पृथ्वी और सूरज के सीधी रेखा में होते हैं। उस दौरान सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर होती है।

सूर्य और चंद्रमा का रिश्ता

पूर्णिमा की रात के दौरान सूरज की सारी किरणें चंद्रमा पर पड़ती हैं, जिससे चांद का पूरा हिस्सा धरती से साफ नजर आता है।

कब आती है पूर्णिमा की रात

मालूम हो कि हर 29.5 दिन के बाद पूनम की रात आती है। यह तब होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाती है।

हिंदू धर्म में है बहुत मान्यता

पूनम की रात चांद धरती की छाया में आता है, जिसके कारण कई बार चंद्र ग्रहण होता है। लेकिन, जरूरी नहीं कि हर पूर्णिमा पर ग्रहण लगे। हिंदू धर्म में पूर्णिया का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग कार्यों को करना शुभ मानते हैं। इसे पुण्यकाल कहा जाता है, जिस मौके पर लोग व्रत रखते हैं और दान भी करते हैं।

क्या है साइंटिफिक कारण

साइंस के अनुसार देखें तो चांद का संबंध पृथ्वी के जल से होता है, क्योंकि जब पूर्णिमा होती है, तब समुद्र में ज्वार-भाटा पैदा होती है।

लोगों में क्या बदलाव होती है

ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा के दौरान लोगों की नींद प्रभावित होती है। ऐसा भी माना जाता है पूर्णिमा के दौरान लोगों का मानसिक स्वास्थ्य और बेहतर होता है और वे खुद को सक्रिए महसूस करते हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार पूनम की रात का बहुत महत्व है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ 

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