Mahakumbh 2025: कौन सी तीन नदियां त्रिवेणी संगम बनाती हैं?
By Priyanka Pal13, Jan 2025 02:40 PMjagranjosh.com
महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है इसकी के साथ लाखों की संख्या में लोग वहां अपनी उपस्थिती दर्ज करा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, आस्था की डुबकी लगाने के लिए जाना जाने वाला त्रिवेणी संगम किन तीन नदियों से मिलकर बना है? यदि नहीं, तो आज इस वेब स्टोरी में जानिए त्रिवेणी संगम के बारे में।
त्रिवेणी संगम
हिंदू धर्म में पवित्र नदियों को अलग स्थान दिया जाता है, जिससे उनकी पूजा और स्नान किया जाता है। वहीं त्रिवेणी वो स्थान है जहां तीन नदियां आकर मिलती हैं।
प्रयागराज का त्रिवेणी संगम
महाकुंभ में जहां आस्था की डुबकी लगाई जाएगी उस प्रयागराज के त्रिवेणी संगम को गंगा, यमुना और सरस्वती नदीयों का संगम कहा जाता है।
तीन नदियां
प्रयागराज की त्रिवेणी संगम तीन नदियों यानी गंगा, यमुना और सरस्वती नदी से मिलकर बना है। लेकिन सरस्वती नदी का अस्तित्व अब मिट चुका है।
संगम स्नान
मत्स्यपुराण में कहा गया है कि दस हजार या उससे भी अधिक तीर्थों की यात्रा का जो पुण्य मिलता है, उतना ही माघ के महीने में संगम स्नान से मिलता है।
महाकुंभ
हिंदू घर्म में मान्यता है कि हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में संगम तट पर स्नान करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शाही स्नान
महाकुंभ में साधु और संत के स्नान को सम्मानपूर्वक शाही स्नान कहा जाता है, संगम पर उनके स्नान के बाद भक्त व श्रद्धालु स्नान करते हैं।
तीन रंग की नदियां
त्रिवेणी पर गंगा का पानी मटमैला सा नजर आता है, यमुना का हल्का नीला रंग और वहीं सरस्वती मानी जाने वाली धारा पूरी तरह दूधिया है।
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