By Mahima Sharan12, Nov 2024 03:04 PMjagranjosh.com
बाल दिवस
बाल दिवस भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन बच्चों के लिए बेहद ही खास होता है। इस दिन को मनाने का असल उद्देश्य बच्चों की सराहना करना और उन्हें स्वीकार करना है, क्योंकि बच्चे ही देश का भविष्य है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू
यह तारीख देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती भी है। बच्चों के प्रति अपने स्नेह के लिए जाने जाने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे ही देश की असली संपत्ति हैं। वे अक्सर उन्हें देश के सबसे कीमती संसाधन के रूप में दर्शाता थे।
देश का भविष्य
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद, भारत में हुआ था। वे बच्चों के अधिकारों और एक ऐसी सर्व-समावेशी शिक्षा प्रणाली के महान समर्थक थे। वे हर बच्चे को देश का भविष्य मानते थे और उनकी पूरी तरह सराहना करते थे। नेहरू ने अपने एक प्रसिद्ध भाषण में कहा था, बच्चे बगीचे में कलियों की तरह होते हैं और उन्हें सावधानीपूर्वक और प्यार से पोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं।
बच्चों के प्रति प्यार
बच्चों के प्रति उनके प्यार के कारण ही जवाहरलाल नेहरू को बच्चों के बीच 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है। वह न केवल बच्चों से प्यार करते थे बल्कि उनके विकास के लिए उन्हें उचित संसाधन उपलब्ध कराने में भी विश्वास करते थे।
शिक्षा प्रणाली का विकास
वह देश में शिक्षा प्रणाली के विकास के बारे में चिंतित थे। इसलिए, उन्होंने देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की देखरेख की, जिनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) शामिल हैं।
यह दिन देश के भविष्य को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ