By Mahima Sharan30, Jul 2024 05:01 PMjagranjosh.com
भारत में गंगा का महत्व
भारत में गंगा सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि उसे मां का भी स्थान दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गंगा इतनी पवित्र नदी है कि उसमें स्नान करने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि गंगा को घर में रखने से नकारात्मकता दूर रहती है। ऐसे में आज हम गंगा नदी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानेंगे। इसमें से एक है काशी में गंगा का उलटा बहना।
काशी में कहां बहती है उल्टी गंगा?
काशी जिसे वाराणसी भी कहा जाता है, वहां गंगा का बहाव करीब डेढ़ किलोमीटर तक उलटा बहता है। यह उल्टी गंगा मणिकर्णिका घाट से तुलसी घाट तक बहती है।
यह है कारण
दरअसल मणिकर्णिका घाट से तुलसी घाट के बीच करीब 45 घाट पड़ते हैं। यही कारण है कि मणिकर्णिका से लेकर तुलसी घाट के डेढ़ किलोमीटर के दायरे में गंगा का बहाव करीह आधे से एक 1 घंटे तक उल्टा बहता है।
क्या कहती है जियोग्राफी
जियोग्राफी के अनुसार देखें तो काशी में गंगा दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बढ़ती है। वहीं , जब गंगा आगे नजर में प्रवेश करती है तब उसकी धारा धनुष आकार को हो जाता है, जिसके कारण गंगा दक्षिण से पूर्व और फिर पूर्वोत्तर की ओर मुड़ती है। दरअसल वहां की बनावट घुमावदार है जो उसे भंवर जैसा बनाता है।
उल्टी दिशा में लौटती है लहरे
जब गंगा का बहाव ज्यादा हो जाता है, तब दशाश्वमेध घाट की जमीन ज्यादा घुमावदार होने के कारण गंगा में भंवर आने लगता है जिसके बाद लहरें उल्टी दिशा में लौटने लगती हैं।
गंगा की तेज गति
ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि गंगा नदी की गति बहुत तेज होती है और जब यह भंवर से टकराती है, तब तेज रफ्तार के कारण डेढ़ किलोमीटर तक गंगा उल्टी दिशा में बहने लगती है।
आपको बता दें कि ऐसी कई और जगहें हैं जहां गंगा उल्टी दिशा में बहती है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ