MBBS स्टूडेंट के लिए सरकारी कॉलेज पहली पसंद क्यों हैं?
By Priyanka Pal16, Nov 2024 12:25 PMjagranjosh.com
जब भी MBBS स्टूडेंट के लिए मेडिकल कॉलेज चुनने की बात आती है, तो एंट्रेस एग्जाम में हाई रैंकिंग वाले स्टूडेंट भारी संख्या में सरकारी कॉलेजों को पसंद करते हैं।
कम फीस
आंकड़ों से पता चलता है कि सरकारी कॉलेजों की भारी मांग इसलिए है, क्योंकि ये विशेष रूप से पुराने और अच्छी तरह से स्थापित कॉलेज हैं। इसी के साथ यहां साल की फीस भी सबसे कम है।
शहर
डेटा के मुताबिक, स्टूडेंट जिस शहर को टॉप लिस्ट में शामिल करते हैं उसमें दिल्ली आता है। एम्स के डेटा हटा दिया जाए तो मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज इस लिस्ट में टॉप पर है।
मीडियन रैंक
दिल्ली के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों की मीडियन रैंक 4597 है। इसके बाद केरल के गवर्नमेंट कॉलेजों की मीडियन रैंक 12592 हाई है।
प्राइवेट कॉलेज की रैंक
केरल के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की मीडियन रैंक की बात की जाए तो वो भी हाई करीब 96,600 तक है। यहां की एवरेज एनुअल फीस 7 लाख के करीब है।
सरकारी कॉलेज की सुविधाएं
जहां सरकारी कॉलेज की साल की फीस 20,000 से 30,000 रुपये तक है और MBBS के बाद कोई बॉन्डेड सेवा नहीं है।
टॉप कॉलेज
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का आयुर्विज्ञान संस्थान 1,325 की औसत रैंक के साथ दूसरे स्थान पर है, उसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से जुड़ा वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज आता है।
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