पर्सनल ग्रोथ के लिए न बोलना भी है जरूरी, पर्सनैलिटी पर पड़ता है अच्छा असर
By Mahima Sharan10, Nov 2024 10:34 AMjagranjosh.com
क्यों नहीं बोल पाते न?
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों को 'न' नहीं बोल पाते हैं। हालांकि बेशक यह छोटी सी बात लगे, लेकिन इससे आपकी पर्सनैलिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ज्यादातर दूसरों को खुश करने के चक्कर में ऐसे लोग न नहीं बोल पाते हैं, उन्हें लगता है कि इससे दूसरों को दुख होगा। आइए जानते हैं न बोलना कब और क्यों जरूरी है?
इसके तुरंत बाद पछतावा होता है
जब आपको एहसास होता है कि आपने दूसरों के लिए अपनी ज़रूरतों या मूल्यों का त्याग किया है या जब आपको एहसास होता है कि दूसरों को खुश करने के लिए हां कहने से आप मुश्किल स्थिति में आ गए हैं, तो आपको अपने फैसले पर पछतावा होता है।
सीमाएं तय करें
कुछ सीमाएं तय करना और उनका पालन करना बहुत ज़रूरी है। ज़रूरत पड़ने पर 'नहीं' कहना और अपनी जरूरतों के बारे में दूसरों को स्पष्ट रूप से बताना जरूरी है।
अपनी भावनाओं के व्यक्त करें
अपनी राय, विचार और भावनाओं को व्यक्त करते समय दृढ़ और आत्मविश्वासी रहें। अपनी ज़रूरतों को व्यक्त करते समय संदेह या उलझन में न पड़ें।
खुद को प्राथमिकता दें
खुद की देखभाल करना बहुत ज़रूरी है। अगर आपको कोई पसंदीदा शौक है, तो उसे पूरा करें, जैसे किताब पढ़ना, बागवानी करना या कोई और गतिविधि जो आपको पसंद हो।
अपने अंदर की आवाज को सुनें
अपनी आंतरिक भावना पर भरोसा करें। हमेशा इस बात पर ध्यान दें कि आप कैसा महसूस करते हैं या किसी भी स्थिति के लिए आपके पास किस तरह का अंतर्ज्ञान है और उसके अनुसार प्रतिक्रिया करें।
जब ज़रूरी हो तो मना करें
हमेशा उन चीज़ों के लिए मना करें जो आपके मूल्यों और क्षमता के साथ मेल नहीं खाती हैं।
आत्म-करुणा का अभ्यास करें
खुद के प्रति दयालु बनें। दयालुता और समझदारी के साथ खुद को लाड़-प्यार दें और सबसे अच्छे तरीके से पेश आएं।
पर्सनल ग्रोथ के लिए खुद में सकारात्मक बदलाव लाना बेहद ही जरूरी है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ