By Priyanka Pal09, Mar 2024 11:54 AMjagranjosh.com
मातृभाषा
जन्म लेने के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा, किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है। सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने और पारिवारिक संबंधों को गहरा करने के लिए घर पर अपनी मातृभाषा में करना महत्वपूर्ण है। आगे जानिए बच्चों को मातृभाषा सिखाना क्यों जरूरी है।
सांस्कृतिक विरासत
घर पर मातृभाषा का उपयोग सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को संजो कर रखना है। बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ता है और उन्हें अपने समुदाय से जुड़े होने का एहसास दिलाता है।
भावनात्मक जुड़ाव
मातृभाषा परिवार में स्पष्ट संचार को मजबूत बनाती है, और गलतफहमियों को दूर करती है। इसके साथ ही बच्चे को घरेलू वातावरण से जुड़ाव करवाती है।
ज्ञान की विकास
जो बच्चे अपनी मातृभाषा बोलते हैं, उनमें कई कौशलों का विकास प्रभावी धंग से होता है। मानसिक विकास को लचीना बनाने के साथ समस्या का समाधान करने में क्षमताओं का सुधार करती है।
भाषाई कौशल का विकास
मातृभाषा से शुरूआत करके कई भाषाएं बोलने से भाषाई क्षमताएं बढ़ती हैं। यह जीवन में अन्य भाषाओं को सीखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके साथ ही बच्चे के लिए एक मजबूत आधार को तैयार करती है।
आत्म सम्मान
घर पर मातृभाषा का प्रयोग करने से आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है। बच्चे अपनी सांस्कृतिक पहचना में मूल्यवान और सुरक्षित महसूस करते हैं। इसके साथ ही ये एक सकारात्मक छवि को बढ़ावा देती है।
शिक्षा में योगदान
एक रिसर्च से पता चलता है कि जो बच्चे अपनी मातृभाषा को अच्छे से बोलना सीख जाते हैं। वे अक्सर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। उनकी अन्य भाषाओं को समझने में नींव मजबूत बनती है।