By Priyanka Pal14, Jan 2025 12:30 PMjagranjosh.com
सजा सुनाने के बाद जज पेन क्यों तोड़ देते हैं?
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर जज फैसला सुनाने के बाद पेन की निब क्यों तोड़ देते हैं? यदि नहीं तो, आज हम बताने वाले हैं इसके पीछे की पूरी वजह।
सबसे बड़ी सजा
भारत में फांसी की सजा को सबसे बड़ी सजा माना गया है। हम आपको बता दें कि फांसी की सजा सुनाने के बाद जज द्वारा पेन की निब तोड़ने की परंपरा केवल भारत देश में है।
फांसी
कोर्ट में किसी अपराधी को फांसी की सजा सुनाने के बाद जज अपने पेन की निब तोड़ देते है। लेकिन, जज ऐसा केवल फांसी की सजा सुनाने के बाद ही करते हैं।
भारतीय कानून
भारतीय कानून के अनुसार, किसी अपराधी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जज को पेन की निब तोड़ना अनिवार्य है।
रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस
भारत के कानून में मौत की सजा सबसे बड़ी मानी गई, इसलिए इसे रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस भी कहा जाता है। जिस व्यक्ति का अपराध जघन्यतम अपराध की श्रेणी में आता है, उसे ही फांसी की सजा दी जाती है।
जज पेन क्यों तोड़ देते हैं?
अपराधी को मौत की सजा सुनाते ही जज पेन की निब इसलिए तोड़ देते हैं क्योंकि अब वे उस पेन से किसी और अपराधी का फैसला लिखना ठीक नहीं समझते। इसका मतलब यह होता है कि पेन का भी जीवन खत्म हो गया और उसके बाद इस पेन से कुछ और भी लिखा नहीं जाएगा।
सज़ा ए मौत
ऐसा माना गया है कि अगर सजा की मौत के फैसले के बाद पेन की निब टूट गई है तो उसके बाद जज के पास भी अधिकार नहीं है कि वह अपने फैसले को बदल सकें।
आखिरी निर्णय
जब कोर्ट में अपराधी को कोई जज फांसी की सजा सुना देता है तो जज का निर्णय आखिरी निर्णय होता है, उसके बाद उस फैसले को कोई नहीं बदल सकता है।
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