मां सरस्वती को क्यों कहा जाता है ज्ञान की देवी?


By Mahima Sharan13, Feb 2024 11:54 AMjagranjosh.com

सरस्वती पूजा का त्योहार

देशभर में बड़े धूमधाम के साथ सरस्वती पूजा मनाई जाती है। ऐसा भी माना जाता है कि माता सरस्वती की पूजा अर्चना करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। यह भी कहा जाता है कि मां सरस्वती जीवन से अंधकार दूर करती है और प्रकाश डालती है।

छात्रों के लिए खास दिन

छात्रों के लिए यह दिन बेहद ही खास माना जाता है, क्योंकि यह ज्ञान की देवी का दिन है। माता सरस्वती को बुद्धि, संगीत और विद्या की देवी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनके आशीर्वाद से अज्ञानता दूर होती है।

कब मनाते है सरस्वती पूजा

हिन्दू धर्म में हर साल बसंत पंचमी के दिन छात्रों द्वारा माता सरस्वती की पूजा की जाती है। शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में भी बसंत पंचमी के दिन ज्ञान प्राप्ति के उद्देश्य देवी सरस्वती की पूजा होती है।

ज्ञान की स्रोत हैं मां सरस्वती

ऐसी मान्यता है की जब ब्रह्मा जी को सृष्टि के निर्माण का काम मिला तब उन्होंने माता सरस्वती की मदद मांगी, क्योंकि वे जानते थे कि ज्ञान के बिना दुनिया का निर्माण नहीं हो सकता।

समस्त सृष्टि को ज्ञान

ऐसा कहा जाता है कि आज पूरी दुनिया में जो भी ज्ञान है उसकी जननी मां सरस्वती है। यही कारण है कि उन्हें ज्ञान की देवी कहा जाता है। उनके पास ज्ञान का भंडार है और वे समस्त सृष्टि को ज्ञान देती हैं।

संगीत शास्त्र की देवी

ताल, स्वर, राग, लय को माता सरस्वती कि देन माना गया है इसलिए इन्हें संगीत शास्त्र की देवी भी कहा जाता है। सरस्वती जी का स्मरण साल प्रकार के भी किया जाता है। इसलिए उन्हें स्वरात्मिका भी कहते हैं।

जीवन जीने की प्रेरणा

उनके वीणा से संगीतमय जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वीणा के सुर से मानव शरीर एक स्थिर हो जाता है। इस दौरान शरीर लगभग समाधि को प्राप्त होता है। यह एक प्रकार का मेडिटेशन है।

ज्ञान का संचार

कहा जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देव ही माता सरस्वती की पूजा करते हैं। क्योंकि उनके पूजा से छात्रों में ज्ञान का संचार होता है और सकारात्मक विचार उत्पन्न होती हैं।

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