By Priyanka Pal30, Aug 2024 01:35 PMjagranjosh.com
प्रयागराज उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिलों में से एक है। यहां बहता है गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का पवित्र संगम।
स्थापना
यहां इतिहास भी काफी पुराना रहा है। सभी धर्मों का केंद्र रहा चार महाकुंभ स्थानों में से एक है प्रायराज। इसी के साथ इतिहासकारों का कहना है कि प्रयाग की प्रारंभिक बस्तियों को आर्यों ने स्थापित किया था।
विरासत
साल 1857 की क्रांति से लेकर स्वतंत्रता तक प्रयागराज प्रमुख केंद्र रहा। ब्रिटिश सरकार ने यहां पर बेहतरीन इमारतों का निर्माण कराया जिसमें पश्चिमी वास्तुकला समाहित रही।
प्रयागराज का अर्थ
प्रथम यज्ञ से प्र और याग यानी प्रयाग बना और इसका नाम प्रयाग रख दिया गया। प्रयागराज में ही ऋषि भारद्वाज, ऋषि दुर्वासा और ऋषि पन्ना ने ज्ञान प्राप्त किया था।
मुगल शासन के समय अलाहाबाद
साल 1526 में मुगल बादशाह कबर के राज में इसका नाम बदलकर अलाहाबाद कर दिया गया था। जिसे लोग बोलचाल भी भाषा में इलाहाबाद बोलने लगे फिर इसका नाम यही पड़ गया।
प्रयाग का उल्लेख
प्रयाग का उल्लेख तुलसीदास की रामचरित मानस और बाल्मिकी की रामायण में भी है। इसके अलावा मत्यस्य पुराण के अध्याय में भी इसका उल्लेख मिलता है।
स्वतंत्रता आंदोलन का गढ़
1801 ईस्वी में अवध के नवाब ने इस शहर को ब्रिटिश शासन को सौपा। जिसके बाद प्रयागराज भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का गढ़ बन गया।
प्रयागराज ने देश को चार मुख्यमंत्री दिए
जी हां, प्रयागराज ने देश को चार मुख्यमंत्री जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और वी.पी. सिंह।
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