क्या आर्कटिक ग्लेशियर 2030 तक पूरी तरह पिघल जाएंगे?


By Priyanka Pal28, Sep 2023 11:44 AMjagranjosh.com

रिसर्च

यह हम सभी जानते हैं कि आर्कटिर ओशन की बर्फ ज्यादा मात्रा में पिघल रही है, जो कि साल 2007 से ज्यादा पिघली है।

अटलांटिफिकेश ऑफ ऑर्कटिक ओशिन

नॉर्थ अटलांटिक वॉटर में होने वाले बदलावो से आर्कटिक ओशन के तापमान पर असर होता है जिसे साइंटिस्ट अटलांटिफिकेश ऑफ ऑर्कटिक ओशिन कहते हैं।

कितनी बर्फ पिघल रही है ?

एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2007 में 4.13 मिलियन वर्ग किलोमीटर बर्फ पिघल थी और हर साल 10 साल में आर्कटिक की 12.6% बर्फ पिघल रही है।

बदलाव

सन् 1970 से धरती के गर्म होने की दर में काफी तेजी आई है।

तापमान

रिपोर्ट के अनुसार साल 2000 में तापमान उतना नहीं बढ़ा जितना पिछले 50 साल में बढ़ गया है।

वातावरण

साल 2019 की बात करें तो इसमें वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल सबसे अधिक रहा है।

क्या होगा भविष्य ?

एक रिसर्च में माना गया है कि साल 2030 में आर्कटिक महासागर के ग्लेशियर खत्म हो सकते हैं।

बर्फ पिघलकर कितनी हुई ?

आर्कटिक दुनिया में पिछले 40 साल में गर्मी के बाद रहने वाली मल्टी लेयर बर्फ 70 लाख वर्ग किमी से घटकर 40 लाख वर्ग किमी ही रह गई है।

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