UPSC से भी टफ हैं चीन का यह एग्जाम, छात्र नहीं झेल पाते इसका तनाव
By Mahima Sharan02, Dec 2024 11:40 AMjagranjosh.com
कठिन परीक्षाएं
गाओकाओ परीक्षा, जिसे चीन में राष्ट्रीय हाईयर एजुकेशन प्रवेश परीक्षा के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। यह चीनी छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने का एकमात्र मार्ग है और इसका देश की शिक्षा और समाज पर गहरा प्रभाव है।
गाओकाओ
गाओकाओ परीक्षा हर साल जून में आयोजित की जाती है, और तीन दिनों तक चलती है। यह परीक्षा छात्रों के विभिन्न विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक कार्यक्रमों में प्रवेश की संभावनाओं को निर्धारित करती है।
भाषाएं
इसमें चार मुख विषय शामिल हैं: चीनी भाषा, मैथ, विदेशी भाषा (खासकर अंग्रेजी), और विज्ञान (फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी) या कला (इतिहास, जियोग्रफी, पॉलिटी) में से चुनने के लिए एक ऑप्शनल सब्जेक्ट है।
कठिनाई का स्तर
गाओकाओ का कठिनाई स्तर इसके प्रश्नों की गहराई और चौड़ाई से आता है। प्रश्नपत्र न केवल थ्योरेटिकल ज्ञान की मांग करते हैं, बल्कि छात्रों को तर्क, एनालिटिकल एबिलिटी और रचनात्मकता का उपयोग करने की भी आवश्यकता होती है।
साइंस और मैथ
गणित और विज्ञान के प्रश्न विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होते हैं, छात्रों को न केवल कॉन्सेप्ट को याद करने की आवश्यकता होती है, बल्कि उन्हें जटिल प्रश्नों पर लागू करने की भी आवश्यकता होती है।
दबाव और मानसिक तनाव
गाओकाओ सिर्फ़ एक एकेडमिक परीक्षा नहीं है, बल्कि छात्रों के भविष्य के लिए एक निर्णायक कारक भी है। चीन में हाईयर एजुकेशन में बहुत ज्यादा कम्टीशन होने के कारण, गाओकाओ में प्रदर्शन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
इस परीक्षा को यूपीएससी से भी ज्यादा कठिन और चुनौतीपूर्ण माना जाता है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ