भगवत गीता के इन श्लोकों से दूर होगा तनाव


By Mahima Sharan08, May 2024 09:26 AMjagranjosh.com

जीवन जीने का ज्ञान

भगवत गीता में श्री कृष्ण केवल कर्म करने की प्रेरणा देते हैं। गीता में अनेक श्लोक जीवन जीने का ज्ञान देते हैं। यह बातें महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताई थी।

सकारात्मक ऊर्जा

इसमें कई श्लोक हैं जो व्यक्ति को तनाव से बचने में मदद कर सकते हैं। साथ ही गीता के उपदेश व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगे।

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, इसलिए कर्म करें फल की इच्छा न करें। कुछ लोग कोई भी काम करने के बाद परिणाम का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते। सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥

चीजों के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उन चीज से लगाव हो जाता है। इससे उनमें इच्छा पैदा होती है और फिर बाधा आने से क्रोध पैदा होता है। इसलिए किसी से भी लगाव न लगाए।

श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:। ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेण

अपनी इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्य और श्रद्धा रखने वाले मनुष्य, अपनी तत्परता से ज्ञान प्राप्त करते हैं। ज्ञान मिलने पर जल्द ही शान्ति को प्राप्त होते हैं।

चिन्तया जायते दुःखं नान्यथेहेति निश्चयी। तया हीनः सुखी शान्तः सर्वत्र गलितस्पृहः

केवल चिंता से ही दुख उत्पन्न होता है न कि किसी अन्य कारण से नहीं। जो इंसान इस बात को समझ ले वे चिंता से रहित होकर सुखी हो जाता है।

गीता के ये श्लोक जीवन के तनाव को कम करते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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