CBSE Board Exams 2025: एग्जाम में बैठने से पहले जान लें मार्किंग स्कीम और आंसर ल


By Mahima Sharan22, Dec 2024 12:49 PMjagranjosh.com

सीबीएसई मार्किंग स्कीम

CBSE की मार्किंग स्कीम अच्छी तरह से स्ट्रक्चर और स्टूडेंट फ्रेंडली है, जो फेयर और ट्रांसपेरेंट एग्जाम सुनिश्चित करती है। CBSE बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को मार्किंग स्कीम से प्रचलित होना चाहिए। आइए समझने हैं सीबीएसई मार्किंग स्कीम

स्टेज के हिसाब से नंबर

नंबर स्टेज तरीके से दिए जाते हैं, जिसमें प्रत्येक प्रमुख प्वाइंट, कैलकुलेशन और डायग्राम को एक विशिष्ट भार दिया जाता है। भले ही अंतिम उत्तर गलत हो, लेकिन सही चरणों के लिए क्रेडिट दिया जाता है।

वैल्यू पर आधारित सवाल

इन प्रश्नों के लिए एनालाइजर और एप्लीकेशन की आवश्यकता होती है। सुनिश्चित करें कि आपके उत्तर आसान, स्पष्ट, लॉजिक तरीके से लिखें।

वर्ड काउंट

विशेष रूप से अंग्रेजी और सोशल साइंस जैसे विषयों के लिए निर्धारित शब्द सीमा का पालन करें। बहुत अधिक या कम लिखने से अंकों की हानि हो सकती है।

डायग्राम और फ़्लोचार्ट

बायोलॉजी और ज्योग्राफी जैसे विषयों में, डायग्राम और फ़्लोचार्ट अक्सर अलग-अलग अंक देते हैं।

प्रेजेंटेशन

साफ लिखावट, स्पष्ट फॉर्मेटिंग और ऑर्गनाज आंसर परीक्षकों के लिए आपके काम को आसान बनाते हैं। अनावश्यक ओवरराइटिंग या स्ट्राइक-थ्रू से बचें।

सीबीएसई इस प्रकार से अपनी मार्किंग स्कीम बनाता है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ 

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