इन 7 कोर्स से सबसे ज्‍यादा ड्रॉपआउट लेते हैं स्टूडेंट्स


By Mahima Sharan28, Aug 2024 01:23 PMjagranjosh.com

ड्रॉपआउट वाले कोर्स

12वीं के बाद ज्यादातर छात्र एक दूसरे को देखकर किसी भी कोर्स में एडमिशन ले लेते हैं, लेकिन आपको यह समझने की जरूरत है कि आप किस सब्जेक्ट के लिए कितने सक्षम है। आज हम आपको कुछ ऐसे कोर्स के बारे में बताएंगे जिसमें से छात्रों ने सबसे ज्या ड्रॉपआउट लिया है।

मेडिकल

प्री-मेड प्रोग्राम के कॉम्पिटेटिव एनवायरमेंट और डिमांड वाला क्षेत्र है। इस सेक्टर की पढ़ाई जितनी लंबी है उतनी ही मुश्किल भी है, जो हर किसी के बस की बात नहीं है। इसलिए कई बच्चे मेडिकल में घुसने के बाद ड्ऱॉपआउट ले लेते हैं।  

इंजीनियरिंग

कई छात्र हार्ड कोर्स वर्क और भारी कार्यभार के कारण इंजीनियरिंग प्रोग्राम छोड़ देते हैं जो भारी पड़ सकता है।

आर्किटेक्चर

आर्किटेक्चर की डिमांड बहुत है, इसलिए बच्चे इस लाइन में जाना पसंद करते हैं। लेकिन, डिमांड के साथ-साथ यह जितना मुश्किल है उनती ही हाई कंपटेटिव कोर्स है।  कई बार बच्चे बीच में ही कोर्स छोड़कर अलग करियर की तलाश में जुट जाते हैं।

लॉ

लॉ एक ऐसी पढ़ाई है जो कभी भी खत्म नहीं होती। वकील बनने के बाद भी आपको पढ़ना पड़ता है। एक प्रोफेशनलिस्ट के नाते आपको सभी लॉ, रूल्स एंड रेगुलेशन के बारे में पता होना अनिवार्य है। ऐसे में इस सेक्टर में टीक पाना हर छात्र के बास की बात नहीं है।

कंप्यूटर साइंस

टेक्नोलॉजी स्पेशलिस्ट की मांग के बावजूद कंप्यूटर साइंस में मुश्किल मैथ और प्रोग्रामिंग चुनौतियों के कारण हाई ड्रॉप आउट रेट कैलकुलेट की जाती है।

फिलॉस्पी

फिलॉस्पी कोर्स में एबस्ट्रेक्ट नेचर और लिमिटेड डायरेक्ट करियर पाथ के कारण ज्यादातर बच्चे इस कोर्स से ड्रॉप आउट ले लेते हैं।

इन डिग्री को ज्यादातर छात्र बीच में ही अधुरा छोड़ देते हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ

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