कितने पढ़े लिखे थे भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद?
By Priyanka Pal03, Dec 2024 09:41 AMjagranjosh.com
डॉ राजेंद्र प्रसाद
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद 3 दिसंबर, 1884 बिहार के सिवान जिले के जीरादेई में हुआ था। उन्होंने आजादी के समय देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आगे जानिए देश के प्रथम राष्ट्रपति के बारे में -
प्रारंभिक शिक्षा
प्रारंभिक पारंपरिक शिक्षण के बाद उन्हें 12 साल की उम्र में आगे की पढ़ाई के लिए छपरा जिला स्कूल भेजा गया था। जिसके बाद किशोर राजेंद्र प्रसाद का विवाह राजवंशी देवी से हुआ था।
ग्रेजुएशन
1902 में प्रसिद्ध कलकत्ता प्रेसीडेंसी कॉलेज में एडमिशन लिया, 1915 में प्रसाद ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के विधि विभाग से मास्टर इन लॉ की परीक्षा उत्तीर्ण की और स्वर्ण पदक जीता।
डॉक्टरेट
1916 में उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में अपना कानूनी कॅरियर शुरू किया। उन्होंने साल 1937 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की।
गांधीजी से प्रेरित
गांधीजी के प्रभाव ने उनके कई विचारों को परिवर्तित किया, सबसे महत्त्वपूर्ण जाति और अस्पृश्यता संबंधी विचार। चंपारण सत्याग्रह के दौरान वे महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हुए।
नेशनल कॉलेज
डॉ. प्रसाद ने गांधीजी के असहयोग आंदोलन के तहत बिहार में असहयोग का हिस्सा रहे। उन्होंने अपनी कानूनी प्रैक्टिस छोड़कर साल 1921 में पटना में एक नेशनल कॉलेज शुरु किया।
काॅन्ग्रेस के अध्यक्ष
उन्होंने अक्टूबर 1934 में भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस के बॉम्बे अधिवेशन की अध्यक्षता की। अप्रैल 1939 में सुभाष चंद्र बोस द्वारा काॅन्ग्रेस के अध्यक्ष पद से के इस्तीफे के बाद वे दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए।
प्रथम राष्ट्रपति
आजादी के ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को स्वतंत्र भारत के संविधान की पुष्टि हुई और उन्हें भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया। वे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किए जा चुके हैं।
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