जानें भारत की G.I टैग साड़ियों और उनके राज्यों के बारे में &
By Gaurav Kumar07, Oct 2022 02:07 PMjagranjosh.com
बनारसी साड़ी&बनारसी साड़ियाँ कपडे का चलन न केवल अभी बल्कि मुग़ल काल से है.&
कोटा डोरिया&ये साड़ियाँ राजस्थान के कोटा जिले से सम्बन्धित हैं इन्हें G I टैग 2005 में मिला है ये बहुत ही हल्की सूती साड़ियाँ हैं&
चंदेरी साड़ी&चंदेरी साड़ी मध्य प्रदेश राज्य से सम्बन्धित है पारंपरिक सूती धागे में रेशम और सुनहरी जरी की बुनाई करके चंदेरी का कपड़ा तैयार किया जाता है।
कांजीवरम साड़ियाँ&ये साड़ियाँ विशेष गोल्डन और सिल्वर धागे से बनाई जाती है ये जरी के बारीक़ काम और खुबसूरती के कारण बहुत ही महंगी होती हैं&
पैठनी साड़ीये औरंगाबाद महाराष्ट्र की साड़ी है इसे हाथ से बुना जाता है चौड़े किनारे के साथ मोर की डिजाइन इसकी विशेषता है&
पोचमपल्ली साड़ी&ये साड़ी तेलंगाना राज्य से सम्बन्धित है इसमें डिजाइन को हाथ से कपडे के साथ ही बुना जाता है इन्हें रेशमी और सूती दोनों ही कपड़ों में तैयार किया जाता है&
इक्कल साड़ी&ये साड़ी कर्नाटक राज्य से सम्बन्धित है इसमें बीच में कॉटन के धागे से डिजाइन बनाई जाती है जबकि इसके बॉर्डर और पल्लू पर आर्ट सिल्क से डिजाइन बनाई जाती है .
महेश्वरी साड़ी&ये साड़ी मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से है इस साड़ी को &सूती और रेशमी कपडे में विभिन्न डिजाइन में तैयार किया जाता है.&
जामदानी साड़ी&ये साड़ी आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले में बनाई जाती है ये जामदानी धागे के साथ सूती रेशे से बुनी जाती है इन्हें &नाजुक ढंग से बेहतरीन मलमल में बनाया जाता है। जामदानी बुनाई की शुरुआत भारत में हुई
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