By Priyanka Pal16, Nov 2024 01:32 PMjagranjosh.com
किसी भी व्यक्ति के जीवन में आदतों का बहुत महत्व होता है, क्योंकि ये आदतें ही आपको सही और गलत रास्ते पर ले जाने का काम करती हैं। आज इस वेब स्टोरी में जानिए कमजोर बच्चों में पाई जाने वाली आदतों के बारे में।
प्लेनिंग के बिना पढ़ना
होथियार बच्चे हमेशा पढ़ाई के लिए अपना शेड्यूल बनाते हैं और उसी प्लेनिंग के साथ वह पढ़ना पसंद करते हैं। लेकिन कमजोर बच्चों को ये सब उबाऊ लगता है।
पढ़ाई का तरीका
कमजोर बच्चे क्लास में ध्यान लगाकर पढ़ाई करके नहीं सुनते और ना ही समझते हैं। इसलिए वह अपनी क्लास में भी बाकि बच्चों से पीछे रह जाते हैं।
टालमटोल
पढ़ाई के लिए टालमटोल वाला बर्ताव अपनाना कमजोर बच्चों की निशानी हो सकती है। उन्हें जब तक पढ़ाने बिठाया ना जाए तब तक वह पढ़ने नहीं बैठते।
ट्यूशन
जिन बच्चों को क्लास में पढ़ा हुआ याद नहीं रहता वह हमेशा ट्यूशन जाने की जिद्द करते हैं। क्लास में टीचर से डांट खाना उन्हें अच्छा नहीं लगता।
रटना
होथियार बच्चे जहां अपनी पूरी तैयारी के साथ एग्जाम के लिए रेडी रहते हैं। वहीं दूसरी ओर कमजोर बच्चों को एग्जाम से कुछ दिन पहले रटने की आदत होती है।
अकेले पढ़ाई करना
कमजोर बच्चे खेल बेशक दूसरों के साथ कितना भी लें, लेकिन उन्हें अपनी कमजोरियों को दूसरों के सामने दिखाने की आदत नहीं होती। इसलिए वह अकेले रहकर पढ़ाई करना ज्यादा पसंद करते हैं।
कम कॉन्फिडेंस
आज जहां सबको दूसरों को पीछे छोड़कर आगे भागने की जल्दी है, वहीं कमजोर बच्चे में कम कॉन्फिडेंस होने के कारण वह किसी भी कॉम्पीटीशन का हिस्सा नहीं बनना चाहता। जिसे मां - बाप बहुत बेहतरीन तरीके से समझना चाहिए और उनसे अच्छे से पेश आना चाहिए।
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